ऐतिहासिक सोनार दुर्ग में जल संकट, जिम्मेदारों की अनदेखी
विश्व स्तरीय पहचान रखने वाला स्वर्णनगरी का ऐतिहासिक सोनार दुग इन दिनों पीने के पानी की समस्या से जूझ रहा है।
विश्व स्तरीय पहचान रखने वाला स्वर्णनगरी का ऐतिहासिक सोनार दुग इन दिनों पीने के पानी की समस्या से जूझ रहा है। दुर्ग के वार्ड संख्या 16 और 17 में निवास करने वाले 450 से अधिक परिवार और यहां संचालित हो रही दो दर्जन से ज्यादा होटलें जल संकट से परेशान हैं। पानी की अनियमित व अपर्याप्त आपूर्ति ने यहां के निवासियों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। विशेष रूप से दुर्ग के भीतर होने के कारण टैंकर से पानी मंगवाना भी असंभव है, जिससे उनकी परेशानी और गंभीर हो गई है। यहां रहने वाले 3 हजार से अधिक लोग रोजमर्रा के कामों के लिए पर्याप्त पानी नहीं जुटा पा रहे हैं। यह जलापूर्ति की यह स्थिति, इसलिए भी चिंताजनक हो जाती है, क्योंकि यहां बड़ी संख्या में पर्यटक और दर्शनार्थी प्रतिदिन आते हैं। दुर्गवासियों की शिकायत है कि जिम्मेदारों को दुर्गवासियों की पीड़ा की परवाह ही नहीं हैं। इन दिनों न तो नियमित जलापूर्ति हो रही है और न ही पर्याप्त। उक्त समस्या का स्थायी समाधान नहीं किए जाने से दुर्गवासियों की समस्या में इजाफा हो रहा है। दुर्गवासियों की शिकायत है कि गर्मी के दिनों में यहां पानी की खपत बढ़ी है, लेकिन जलापूर्ति अनियमित व अपर्याप्त हो रही है। ऐसे में दुर्ग में इस समस्या के दीर्घकालिक समाधान के प्रयास होने चाहिए।
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