प्रशासन के जोर पर नहीं होगा काम
इस मामले में पत्रिका के साथ बातचीत में शिव विधायक ने कहा कि ग्रामीणों के दो दल बन गए थे। उनके बीच एका करवाया गया है। अब सभी एकमत हैं कि जब तक ओरण भूमि दर्ज नहीं होगी तब तक कम्पनी को काम नहीं करवाने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम विकास या उद्योग विरोधी नहीं हैं लेकिन प्रशासन के जोर पर दादागिरी से काम नहीं करवाया जा सकता। भाटी ने कहा कि विकास को रोकना हमारा उद्देश्य कतई नहीं है लेकिन हमारे पुरखों की विरासत को सहेज कर रखना भी हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि कम्पनी के पास क्षेत्र में 6-7 हजार बीघा जमीन पड़ी है। ऐसे में वह 200-300 जमीन को छोडऩा उसके लिए बड़ी बात नहीं है। भाटी ने कहा कि इस जमीन पर एक हजार से ज्यादा खेजड़ी, केर और कुमट आदि के वृक्ष हैं। इतनी विशाल वन सम्पदा को कैसे उजाड़ा जा सकता है? भाटी ने कहा कि वे इस जमीन को राजस्व रिकॉर्ड में ओरण भूमि के तौर पर दर्ज करवाने के लिए हर स्तर पर प्रयास व संघर्ष करेंगे। साथ ही कहा कि निजी कम्पनियां सही ढंग से काम करे तो वे उनका सहयोग करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें ईश्वर की कृपा से अपने जीवन में बहुत कुछ मिला है। बैठक के बाद रविंद्रसिंह भाटी ने ग्रामीणों के साथ जमीन का अवलोकन भी किया।