जैसलमेर. सीमावर्ती जैसलमेर जिले में दिनभर सूरज की प्रखर किरणों से हर कोई बेहाल नजर आया। अधिकतम तापमान लगातार दूसरे दिन 43 के एकदम करीब यानी 42.9 डिग्री तक पहुंचा होने से लोगों को सुबह से शाम तक राहत नहीं मिली। बीती रात्रि न्यूनतम तापमान भी 27.2 डिग्री तक पहुंच जाने से छतों पर या खुले में सोने वालों को गर्मी ने खूब सताया। शहर भ्रमण पर आए सैलानी इस अप्रत्याशित मौसम में सबसे ज्यादा परेशान नजर आ रहे हैं वहीं जहां कहीं भी पेड़ या किसी इमारत की छांव मिली, लोग वहीं सुस्ताते नजर आए। ये वे लोग थे, जो गांवों से किसी कार्यवश जैसलमेर आए हुए थे या आजीविका के लिए ठेला चलाते हैं। दूसरी ओर विजय स्तम्भ के पास इंटरलॉकिंग का कार्य करने वाले श्रमिक तीखी धूप में काम करने को विवश दिखे।
जैसलमेर. सीमावर्ती जैसलमेर जिले में दिनभर सूरज की प्रखर किरणों से हर कोई बेहाल नजर आया। अधिकतम तापमान लगातार दूसरे दिन 43 के एकदम करीब यानी 42.9 डिग्री तक पहुंचा होने से लोगों को सुबह से शाम तक राहत नहीं मिली। बीती रात्रि न्यूनतम तापमान भी 27.2 डिग्री तक पहुंच जाने से छतों पर या खुले में सोने वालों को गर्मी ने खूब सताया। शहर भ्रमण पर आए सैलानी इस अप्रत्याशित मौसम में सबसे ज्यादा परेशान नजर आ रहे हैं वहीं जहां कहीं भी पेड़ या किसी इमारत की छांव मिली, लोग वहीं सुस्ताते नजर आए। ये वे लोग थे, जो गांवों से किसी कार्यवश जैसलमेर आए हुए थे या आजीविका के लिए ठेला चलाते हैं। दूसरी ओर विजय स्तम्भ के पास इंटरलॉकिंग का कार्य करने वाले श्रमिक तीखी धूप में काम करने को विवश दिखे।