जैसलमेरPublished: Sep 10, 2023 08:04:11 pm
Deepak Vyas
- धूप की चुभन हो रही असहनीय
- किसानों को सता रहा फसलों की बर्बादी का डर
जैसलमेर. सीमावर्ती जैसलमेर जिले में ***** मास में ज्येष्ठ जैसी गर्मी का सिलसिला रविवार को भी जारी रहा। दिनभर सूरज की प्रखर किरणों से हर कोई बेहाल नजर आया। अधिकतम तापमान लगातार दूसरे दिन 43 के एकदम करीब यानी 42.9 डिग्री तक पहुंचा होने से लोगों को सुबह से शाम तक राहत नहीं मिली। बीती रात्रि न्यूनतम तापमान भी 27.2 डिग्री तक पहुंच जाने से छतों पर या खुले में सोने वालों को गर्मी ने खूब सताया। शहर भ्रमण पर आए सैलानी इस अप्रत्याशित मौसम में सबसे ज्यादा परेशान नजर आ रहे हैं वहीं जहां कहीं भी पेड़ या किसी इमारत की छांव मिली, लोग वहीं सुस्ताते नजर आए। ये वे लोग थे, जो गांवों से किसी कार्यवश जैसलमेर आए हुए थे या आजीविका के लिए ठेला चलाते हैं। दूसरी ओर विजय स्तम्भ के पास इंटरलॉकिंग का कार्य करने वाले श्रमिक तीखी धूप में काम करने को विवश दिखे।
फसलों को नुकसान का अंदेशा
एक तरफ शहरी वर्ग तापमान के लगातार उच्च रहने से गर्मी से बेहाल हैं, वहीं गांवों में किसान वर्ग की चिंता बारिश नहीं होने व तीखी धूप पडऩे से फसलों के जलने की आशंका से बढ़ गई है। वर्तमान में बारिश आधारित खेती को बरसाती पानी की सबसे ज्यादा जरूरत है लेकिन आसमान से करीब डेढ़ माह से वर्षा का जल नहीं बरस रहा है। मौसम विज्ञानियों की मानें तो आने वाले कई दिनों तक जिले में बारिश के आसार नहीं हैं। उनके अनुसार आगामी दिनों में भी तापमान में बढ़ोतरी का क्रम जारी रहेगा और यह बढ़ते हुए 45 डिग्री के उच्च स्तर को भी छू सकता है। सितम्बर माह में इतनी तेज गर्मी पिछले सात दशकों के दौरान कभी नहीं पड़ी है।
व्यापार पर बुरा असर
जैसलमेर में भीषण गर्मी के कारण बड़े से छोटा हर दुकानदार और व्यवसायी भी मंदी का दंश भोग रहा है। सुबह 10 बजे के बाद से ही तीखी धूप का दौर शुरू हो जाता है, जो शाम करीब 6 बजे तक चलता है। इस अवधि में बाजारों में बहुत कम आमद-रफ्त रह जाती है। दोपहर में बाजारों में सन्नाटा छाया रहने से दुकानदार ग्राहकी को तरसते नजर आते हैं। पर्यटकों की तादाद में भी कमी आई है और जो सैलानी शहर भ्रमण पर आए हुए हैं, वे दोपहर होते-होते अपने होटल लौट जाते हैं। वैसे शहर की शीतल पेय और फलों का ज्यूस बेचने वालों के यहां अवश्य अच्छी ग्राहकी हो रही है। पिछले कुछ समय के दौरान घरों में लगे एयरकंडीशनर दिन-रात में कुछ घंटे ही चलाए जा रहे थे, वे अब लगातार चलाने की मजबूरी हो गई है। नए सिरे से इलेक्ट्रोनिक्स की दुकानों पर एयरकंडीशनर की बिक्री में तेजी का रुख है और एसी लगाने व उनकी मरम्मत करने वाले मिस्त्रियों की मांग में इजाफा हुआ है। मौजूदा गर्मी में छत पंखें गरम हवा फेंक रहे हैं और कुलर से ठंडक की बजाए चिपचिपाहट भरी उमस ही झेलने को मिल रही है।