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Jaisalmer- उपचार के अभाव में हो रहे यहां बुरे हाल, ऐसे लगता है कि इस गांव में आदमी नहीं रहते!

locationजैसलमेरPublished: Nov 30, 2017 11:42:19 pm

Submitted by:

jitendra changani

कब होगा सुविधाओं का विस्तार! -मरीजों को मिल रही है प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की सुविधाएं

Jaisalmer patrika

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फलसूण्ड. गांव में स्थित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सुविधाओं के अभाव में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ धीरे-धीरे ठण्ड बढने के कारण मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ रही है। दूसरी तरफ चिकित्सकों व चिकित्सा सेवा की कमी मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। जानकारी के अनुसार पांच वर्ष पूर्व राज्य सरकार की ओर से एक आदेश जारी कर गांव में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में क्रमोन्नत किया गया था, लेकिन सरकार व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते यहां अब तक चिकित्सा सुविधाएं मुहैया नहीं करवाई गई है तथा मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की सुविधा ही दी जा रही है। जिसके चलते मरीजों को मजबूरन पोकरण या जोधपुर जाकर अथवा नीम हकीमों से अपना उपचार करवाना पड़ रहा है।
मरीजों की उमड़ रही भीड़
क्षेत्र में इन दिनों मौसम के परिवर्तन के कारण मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे स्थानीय राजकीय अस्पताल में मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है। यहां प्रतिदिन 200 से अधिक मरीज उपचार करवाने आते है, लेकिन मात्र दो चिकित्साधिकारी व एक दंत रोग चिकित्सक होने के कारण उनको परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तथा पर्याप्त सुविधाओं के अभाव में उन्हें मजबूरन नीम हकीमों के पास जाना पड़ रहा है। अस्पताल में मरीजों की भीड़ के चलते लम्बी कतारें लग जाती है तथा उपचार करवाने के लिए घंटों कतार में खड़े रहना पड़ता है।

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IMAGE CREDIT: patrika
एएनएम व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का अभाव
इस अस्पताल में क्रमोन्नति के बाद न तो एएनएम के पद बढाए गए है, न ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पद स्वीकृत किया गया है। यहां पर एक भी एएनएम कार्यरत नहीं है। जिससे बाहर से आने वाले मरीजों को परेशानी हो रही है तथा प्रसव करवाने, पंचायत क्षेत्र के गांवों में प्रसूताओं व छोटे बच्चों के टीकाकरण करने, टांकों में दवा डालने, मलेरिया की स्लाइड लेने आदि कार्य संपादित नहीं हो पा रहे है। इसी प्रकार अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के अभाव में समय पर सफाई नहीं होने से यहां गंदगी बढती जा रही है तथा ज्यादा गंदगी बढ जाने पर सफाई के लिए अस्पताल प्रशासन को निजी स्तर पर व्यवस्था करनी पड़ती है। बावजूद इसके चिकित्सा विभाग की ओर से यहां एएनएम व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पद स्वीकृत कर नियुक्ति करने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
छाया व शौचालय की व्यवस्था भी नहीं
अस्पताल के क्रमोन्नत होने के बाद आज भी यहां छाया व शौचालय की व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते यहां आने वाले मरीजों व उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां छाया के लिए टिनशेड नहीं होने के कारण मरीजों व उनके साथ आए परिजनों को धूप व बारिश के दौरान खुले में बैठना पड़ रहा है अथवा पेड़ों की छांव का ही सहारा है। इसी प्रकार अस्पताल परिसर में सार्वजनिक शौचालय की भी कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण मरीजों व उनके परिजनों, विशेषकर महिलाओं को परेशानी होती है तथा उन्हें खुले में शौच के लिए अस्पताल से बाहर आना पड़ता है। दूसरी तरफ चिकित्सा विभाग व जनप्रतिनिधियों की ओर से अस्पताल में सुविधाओं के विकास को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
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