इस अस्पताल में क्रमोन्नति के बाद न तो एएनएम के पद बढाए गए है, न ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पद स्वीकृत किया गया है। यहां पर एक भी एएनएम कार्यरत नहीं है। जिससे बाहर से आने वाले मरीजों को परेशानी हो रही है तथा प्रसव करवाने, पंचायत क्षेत्र के गांवों में प्रसूताओं व छोटे बच्चों के टीकाकरण करने, टांकों में दवा डालने, मलेरिया की स्लाइड लेने आदि कार्य संपादित नहीं हो पा रहे है। इसी प्रकार अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के अभाव में समय पर सफाई नहीं होने से यहां गंदगी बढती जा रही है तथा ज्यादा गंदगी बढ जाने पर सफाई के लिए अस्पताल प्रशासन को निजी स्तर पर व्यवस्था करनी पड़ती है। बावजूद इसके चिकित्सा विभाग की ओर से यहां एएनएम व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पद स्वीकृत कर नियुक्ति करने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
छाया व शौचालय की व्यवस्था भी नहीं
अस्पताल के क्रमोन्नत होने के बाद आज भी यहां छाया व शौचालय की व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते यहां आने वाले मरीजों व उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां छाया के लिए टिनशेड नहीं होने के कारण मरीजों व उनके साथ आए परिजनों को धूप व बारिश के दौरान खुले में बैठना पड़ रहा है अथवा पेड़ों की छांव का ही सहारा है। इसी प्रकार अस्पताल परिसर में सार्वजनिक शौचालय की भी कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण मरीजों व उनके परिजनों, विशेषकर महिलाओं को परेशानी होती है तथा उन्हें खुले में शौच के लिए अस्पताल से बाहर आना पड़ता है। दूसरी तरफ चिकित्सा विभाग व जनप्रतिनिधियों की ओर से अस्पताल में सुविधाओं के विकास को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।