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कहां गुम हो गई जैसाणे की शांति, सुरक्षा के लिए इन पर ध्यान देना जरूरी

locationजैसलमेरPublished: Dec 11, 2019 01:55:31 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

-विगत वर्षों में एक ऐसी वारदातें हुई, जो पहले नहीं हुई-आनंद व सुकून की चाह में स्वर्णनगरी पहुंचते है पर्यटक

कहां गुम हो गई जैसाणे की शांति, सुरक्षा के लिए इन पर ध्यान देना जरूरी

कहां गुम हो गई जैसाणे की शांति, सुरक्षा के लिए इन पर ध्यान देना जरूरी

जैसलमेर. जैसलमेर जिले की शांति व सुकून भरी जिंदगी को समाजकंटकों की बुरी नजर लग गई है। विगत वर्षों में एक कई ऐसी वारदातें हो चुकी है, जो जैसलमेर में पहले किसी ने बुमुश्किल ही सुनी हो। रिहायशी व गैर रिहायशी मकानों में चोरी की घटनाएं अब आमबात है। पूर्व में जिला परिषद में शिक्षक भर्ती के दस्तावेजों से छेड़छाड़, उप पंजीयक कार्यालय में 21 लाख की चोरी, बैंक में सुरंग खोदकर 8 3 लाख की चोरी सहित ऐसी कई वारदातें सामने आने के बाद इस बात की आवश्यकता महसूस की जाने लगी कि जैसलमेर जिले में बाहरी लोगों का पुलिस वेरीफिकेशन किया जाए, लेकिन उस समय लापरवाही बरती गई। इसके बाद जासूसी की स्लीपर सेल उजागर, घरों व मकान में चोरी की वारदातें, वाहन चोरी, मंदिरों में आभूषण व नकदी चोरी, चैन स्नेचिंग, युवतियों का अपहरण, बालिकाओं से दुष्कर्म जैसे अपराध सामने आ चुके हैं। विश्व पर्यटन नगरी बनने के बाद तो यहां पर रोजगार के नाम पर बड़ी संख्या में बाहरी लोग आ चुके हैं। ऐसे में इन अनजान चेहरों में कौन क्या है? यह कोई नहीं जानता। हकीकत यह है कि रोजगार के लिए बड़ी संख्या में बाहरी लोग पोकरण, फतेहगढ़, रामगढ़, मोहनगढ़,सम,नाचना सहित कई सरहदी क्षेत्रों में ऊर्जा कंपनियों में मजदूरी के कार्य से जुड़े हैं या फिर मजदूरी के लिए निजी निर्माण कार्यों में लगे देखे जा सकते हैं। यही नहीं पर्यटन के नाम पर विश्वस्तरीय पहचान बना चुकी स्वर्णनगरी में बनी कई होटलों व रेस्टोरेंट्स में रोजगार से जुड़े कई बाहरी लोगों के बारे में पक्के तौर पर कोई नहीं जानता। आसानी से लेबर मिलने से लापरवाही का यह दौर लगातार चल रहा है कई अनजान चेहरे हैं, जिनका सत्यापन नहीं हो रखा है।
इन पर ध्यान देना जरूरी
-मोबाइल या नेट पर बैंक अकाउंट व अपनी व्यक्तिगत जानकारी कभी भी शेयर न करें।
-अनजान व्यक्ति की दी गई खाद्य वस्तु नहीं खाएं।
-अजनबी व्यक्ति को कभी घर के भीतर न घुसने दें।
-मकान, मोहल्ले या गलियों में बार-बार घूमने आने वाले व घरों के पिछवाड़े आवाजाही करने वाले लोगों पर नजर रखें।
-यदि संदिग्ध गतिविधियों के बारे में कोई जानकारी मिले तो तुरंत संबंधित थाने या एसपी ऑफिस को इत्तला करें।
-तय किराए से कहीं ज्यादा किराया देने पर लालच में न आएं और सतर्क हो जाएं।
-देर रात्रि में घरों के आसपास घूमने वाले लोगों पर नजर रखें और पुलिस को इत्तला दें।
-बाहरी लोगों पर नजर रखने के लिए पुलिस से सख्त रवैये की दरकार
–होटल, दुकान या फैक्ट्री में किसी भी श्रमिक को बिना सत्यापन के नौकरी न दें।
जासूसी का जाल भी
स्वर्णनगरी व पर्यटन नगरी के तौर पर देश-दुनिया में विशिष्ट पहचान बना चुके जैसलमेर जिला अब जासूसी नेटवर्क के तौर पर आईएसआई की गिद्ध नजरों में आ चुका है। सरहदी जिले में अब तक धरे जा गए जासूसों ने सुरक्षा पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि विषम भौगोलिक क्षेत्र में फैले क्षेत्रफल पर निगरानी रखने के लिए पुलिस तंत्र का दायर सीमित होने और संदिग्ध लोगों की आवाजाही बढऩे से राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है। जानकार बताते हैं कि सरहदी जैसलमेर जिले में स्लीपर सेल की चंद कडिय़ां ही उजागर हुई है, लेकिन अभी कई मजबूत कडिय़ों से आईएसआई के तार जुड़े हुए हैं और उन्होंने भी जैसलमेर को ही अपनी कर्मस्थली बना रखा है।
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