-मोबाइल या नेट पर बैंक अकाउंट व अपनी व्यक्तिगत जानकारी कभी भी शेयर न करें।
-अनजान व्यक्ति की दी गई खाद्य वस्तु नहीं खाएं।
-अजनबी व्यक्ति को कभी घर के भीतर न घुसने दें।
-मकान, मोहल्ले या गलियों में बार-बार घूमने आने वाले व घरों के पिछवाड़े आवाजाही करने वाले लोगों पर नजर रखें।
-यदि संदिग्ध गतिविधियों के बारे में कोई जानकारी मिले तो तुरंत संबंधित थाने या एसपी ऑफिस को इत्तला करें।
-तय किराए से कहीं ज्यादा किराया देने पर लालच में न आएं और सतर्क हो जाएं।
-देर रात्रि में घरों के आसपास घूमने वाले लोगों पर नजर रखें और पुलिस को इत्तला दें।
-बाहरी लोगों पर नजर रखने के लिए पुलिस से सख्त रवैये की दरकार
–होटल, दुकान या फैक्ट्री में किसी भी श्रमिक को बिना सत्यापन के नौकरी न दें।
जासूसी का जाल भी
स्वर्णनगरी व पर्यटन नगरी के तौर पर देश-दुनिया में विशिष्ट पहचान बना चुके जैसलमेर जिला अब जासूसी नेटवर्क के तौर पर आईएसआई की गिद्ध नजरों में आ चुका है। सरहदी जिले में अब तक धरे जा गए जासूसों ने सुरक्षा पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि विषम भौगोलिक क्षेत्र में फैले क्षेत्रफल पर निगरानी रखने के लिए पुलिस तंत्र का दायर सीमित होने और संदिग्ध लोगों की आवाजाही बढऩे से राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है। जानकार बताते हैं कि सरहदी जैसलमेर जिले में स्लीपर सेल की चंद कडिय़ां ही उजागर हुई है, लेकिन अभी कई मजबूत कडिय़ों से आईएसआई के तार जुड़े हुए हैं और उन्होंने भी जैसलमेर को ही अपनी कर्मस्थली बना रखा है।