सात घंटे देरी से पहुंची हावड़ा एक्सप्रेस
रामदेवरा (पोकरण). हावड़ा से जैसलमेर जाने वाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस रेल अपने निर्धारित समय से सात घंटे देरी से रामदेवरा पहुंची, जिससे यात्रियों को खासी परेशानी हुई। गौरतलब है कि हावड़ा-जैसलमेर एक्सप्रेस प्रत्येक सप्ताह मंगलवार की रात्रि में 10 बजे रामदेवरा पहुंचती है, लेकिन बीती रात यह रेल सात घंटे देरी से चल रही थी। जिसके कारण बुधवार को सुबह पांच बजे रामदेवरा पहुंची। जिससे इसमें सफर कर रहे यात्रियों को खासी परेशानी हुई।
रामदेवरा (पोकरण). हावड़ा से जैसलमेर जाने वाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस रेल अपने निर्धारित समय से सात घंटे देरी से रामदेवरा पहुंची, जिससे यात्रियों को खासी परेशानी हुई। गौरतलब है कि हावड़ा-जैसलमेर एक्सप्रेस प्रत्येक सप्ताह मंगलवार की रात्रि में 10 बजे रामदेवरा पहुंचती है, लेकिन बीती रात यह रेल सात घंटे देरी से चल रही थी। जिसके कारण बुधवार को सुबह पांच बजे रामदेवरा पहुंची। जिससे इसमें सफर कर रहे यात्रियों को खासी परेशानी हुई।
रामदेवरा. रेल में सफर के दौरान एक जैसे बैग होने से गफलत हो गई तथा श्रद्धालुओं में एक दूसरे के बैग अदला बदली हो गए। जिसे बाद में पुन: लौटाया गया। कोठगोदाम से दिल्ली होते हुए जैसलमेर जाने वाली रानीखेत एक्सप्रेस में दो दिन पूर्व सीकर निवासी मोहम्मद नियाज व मालपुरा निवासी मधुसुदन प्रसाद यात्रा कर रहे थे। दोनों के बैग ऊपर की सीट पर पास-पास पड़े थे, जो एक जैसे ही थे। मोहम्मद नियाज जोधपुर रेलवे स्टेशन पर उतरते समय मधुसुदन का बैग लेकर चला गया। मधुसुदन रामदेवरा आ गया। रामदेवरा पहुंचने पर मधुसुदन को अपना बैग नहीं मिला तथा उसके बैग के जैसा ही एक बैग सीट पर पड़ा था। जिस पर उसे दोनों बैग अदला बदली हो जाने की जानकारी हुई। वहीं, सीकर निवासी मोहम्मद नियाज ने जोधपुर में बैग खोला, तो उसमें उसका सामान नहीं था। बैग में उसे मधुसुदन नाम का एक आधार कार्ड मिला। उसने ई-मित्र की दुकान पर कार्ड को स्कैन कर मालिक की जानकारी निकाली, तो मधुसुदन के मोबाईल नंबर भी मिले। मधुसुदन रामदेवरा एक धर्मशाला में रुका हुआ था। मोहम्मद नियाज ने मधुसुदन से फोन पर संपर्क किया। बुधवार को मोहम्मद नियाज रामदेवरा पहुंचा तथा मालपुरा निवासी मधुसुदन प्रसाद को उसका बैग लौटाया व अपना बैग प्राप्त किया।