scriptVideo: नीरव मोदी की जब्त संपत्तियों में जैसलमेर में पवन चक्कियां भी शामिल | Windmills in Jaisalmer include Nirav Modi's confiscated assets | Patrika News

Video: नीरव मोदी की जब्त संपत्तियों में जैसलमेर में पवन चक्कियां भी शामिल

locationजैसलमेरPublished: Jul 09, 2020 08:59:48 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

-ईडी ने की बड़ी कार्रवाई

नीरव मोदी की जब्त संपत्तियों में जैसलमेर में पवन चक्कियां भी शामिल

नीरव मोदी की जब्त संपत्तियों में जैसलमेर में पवन चक्कियां भी शामिल

जैसलमेर. पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भगोड़े आर्थिक अपराध अधिनियम के तहत करीब 330 करोड़ की जब्त संपत्तियों में जैसलमेर जिले में स्थित पवन चक्कियां भी शामिल हैं। गौरतलब है कि ईडी ने नीरव की 329.66 करोड़ की संपत्तियां जब्त की है। इन संपत्तियों में मुम्बई, अलीबाग, लंदन, संयुक्त अरब अमीरात में संपत्तियों के साथ जैसलमेर में पवन चक्कियां भी शामिल बताई जाती हैं। गौरतलब है कि जैसलमेर जिले में 3000 से ज्यादा पवन चक्कियां स्थापित हैं। विभिन्न कंपनियों की ओर से स्थापित इन चक्कियोंं में देश के कई नामी-गिरामी हस्तियों ने निवेश कर रखा है।

हकीकत यह भी
-जैसलमेर जिले में हवाएं पवन ऊर्जा की चक्कियों को बारह माह चलाकर इतना विद्युत उत्पादन कर रही हैं कि हमेशा से बिजली की समस्या से जूझने वाला सरहदी जैसलमेर जिला आज खुद विद्युत हब बन गया है।
-बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के साथ ही देश के प्रमुख उद्योगपति जिले में विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में अपनी सहभागिता निभाने के लिए आगे आ रहे है।


-जिले के आसकन्द्रा, लाठी, धूड़सर और बडलीचारणा में सौर उर्जा संयन्त्रों का कार्य प्रगति पर है।
-फतेहगढ़ व लाठी में 1-1 मेगावाट की सोलर परियोजनाएं शुरू की जा चुकी हैं।

– विंड परियोजनाओं के लिए 8 342 हैक्टर भूमि का आवंटन विभिन्न कम्पनियों को किया गया है।

-विभिन्न कम्पनियों की ओर से करीब 8 35.90 मेगावाट की विंड परियोजनाएं कमीशन की जाकर विद्युत उत्पादन किया जा रहा है।

निजी कंपनियों का रूझान

जैसलमेर जिले में विंड इनर्जी का पहला प्रोजेक्ट मै. राजस्थान स्टेट पॉवर प्रोजेक्ट कारपोरेशन लि. की ओर से 2 मेगावाट का विंड फार्म वर्ष 1999-2000 में स्थापित किया गया। निजी क्षेत्र की कंपनियां यथा सुजलोन, विंड वल्र्ड, आयनॉक्स, आरआरबी एनर्जी, ग्रीनका वगैरह पवन ऊर्जा उत्पादन में जुटी हुई हैं। हजारों करोड़ रुपये का निवेश इस उद्योग में यहां हो चुका है।

नेशनल ग्रिड को जाती है बिजली

पवन ऊर्जा संयंत्रों से जो बिजली उत्पादित होती है, वह यहां से नेशनल ग्रिड को भेजी जाती है। नेशनल ग्रिड कंपनियों से प्रति मेगावाट ६ से ६.५ करोड़ की दर से बिजली की खरीद करता है, फिर आगे वह उसका वितरण करता है।
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