-जैसलमेर जिले में हवाएं पवन ऊर्जा की चक्कियों को बारह माह चलाकर इतना विद्युत उत्पादन कर रही हैं कि हमेशा से बिजली की समस्या से जूझने वाला सरहदी जैसलमेर जिला आज खुद विद्युत हब बन गया है।
-जिले के आसकन्द्रा, लाठी, धूड़सर और बडलीचारणा में सौर उर्जा संयन्त्रों का कार्य प्रगति पर है।
निजी कंपनियों का रूझान जैसलमेर जिले में विंड इनर्जी का पहला प्रोजेक्ट मै. राजस्थान स्टेट पॉवर प्रोजेक्ट कारपोरेशन लि. की ओर से 2 मेगावाट का विंड फार्म वर्ष 1999-2000 में स्थापित किया गया। निजी क्षेत्र की कंपनियां यथा सुजलोन, विंड वल्र्ड, आयनॉक्स, आरआरबी एनर्जी, ग्रीनका वगैरह पवन ऊर्जा उत्पादन में जुटी हुई हैं। हजारों करोड़ रुपये का निवेश इस उद्योग में यहां हो चुका है।
नेशनल ग्रिड को जाती है बिजली पवन ऊर्जा संयंत्रों से जो बिजली उत्पादित होती है, वह यहां से नेशनल ग्रिड को भेजी जाती है। नेशनल ग्रिड कंपनियों से प्रति मेगावाट ६ से ६.५ करोड़ की दर से बिजली की खरीद करता है, फिर आगे वह उसका वितरण करता है।