पोकरण डिस्कॉम के कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में सोमवार को कार्य बहिष्कार करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान धरना देकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सुपुर्द किया। राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में प्रदेशभर में डिस्कॉमकर्मी निजीकरण को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। विद्युत उत्पादन, प्रसारण व वितरण के कार्यों का सरकार की ओर से निजीकरण किया जा रहा है। इसके लिए निविदाएं भी जारी कर दी गई है। जिसको लेकर अधिकारियों व कर्मचारियों की ओर से पूर्व में भी ज्ञापन देकर सरकार से निजीकरण की प्रक्रिया बंद करने की मांग की गई थी। जबकि इस संबंध में अभी तक कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई है। समिति के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन अधिशासी अभियंता को सुपुर्द कर बताया कि विद्युत का उत्पादन, प्रसारण व वितरण का कार्य सरकार की ओर से निजी हाथों में दिया जा रहा है। वर्तमान में कई कार्य आउटसोर्स, एफआरटी, ठेके व सीएलआरसी आदि नामों से निजी भागीदारी के माध्यम से करवाए जा रहे है। साथ ही अब 33 केवी ग्रिड के फीडर सेग्रिगेशन व सोलराइजेशन के नाम पर आउटसोर्स कर निजी हाथों में दिए जा रहे है, जो ग्रिड सैफ्टी कोड का भी उल्लंघन है। साथ ही इस मॉडल के तहत 33 केवी ग्रिड निजी हाथों में देने से देश व राज्य की सामरिक सुरक्षा, किसानों व जनता के आंदोलनों, प्रदर्शनों एवं युद्ध के दौरान खतरा उत्पन्न हो सकता है। साथ ही प्रदेश में ऊर्जा के क्षेत्र में स्थायी रोजगार के मौके पर भी खत्म हो जाएंगे। जिससे रोजगार की मांग भी बढ़ जाएगी। उन्होंने बताया कि आइटीआइ किए गए अभ्यर्थियों को लगाने के नियम को भी दरकिनार किया जा रहा है। जिससे योग्यताधारकों के स्थायी रोजगार के सपने भी अधूरे रह जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए निविदा जारी की गई है, लेकिन कई प्रदेशों में सरकार ने रोक लगाई है। उन्होंने इस संबंध में जांच कर आगे बढऩे की मांग की है। इसी प्रकार प्रसारण निगम का निजीकरण करने से हानि होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि सोमवार को एक दिवसीय कार्य बहिष्कार करते हुए सभी कार्मिक निजीकरण का विरोध कर रहे है। उन्होंने निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक लगाने, नए कर्मचारियों की भर्ती करने, ग्रिड सब स्टेशनों एवं तापीय विद्युत उत्पादन गृह का संचालन निगम कर्मचारियों के माध्यम से करवाने की मांग की है। साथ ही कर्मचारियों को ओपीएस योजना का पूरा लाभ लेने के लिए सीपीएफ कटौती बंद कर जीपीएफ कटौती शुरू करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं होती है तो प्रदेशभर में आंदोलन जारी रहेगा।
कस्बे के डिस्कॉम कार्यालय परिसर में अधिकारियों व कर्मचारियों ने सोमवार को दिनभर कार्य का बहिष्कार रखा। साथ ही विरोध प्रदर्शन करते हुए दिनभर धरना दिया। धरने पर कर्मचारियों ने नारेबाजी की और निजीकरण का विरोध जताया।