वरिष्ठ पत्रकार शब्बीर भट के अनुसार अब तक केन्द्र सरकार द्वारा वार्ता के लिए कश्मीर भेजे गए समूहों ने जो भी रिपोर्ट लौटकर सौंपी है वो ताक पर रख दी गई है। इससे लगता है कि केन्द्र की सरकारें समस्या को हल करने के बजाय समय बिताने की योजना पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आज कश्मीर के तरक्की पसंद अवाम में बेचैनी है। यह अवाम प्रगति चाहता है और समस्या के बने रहने से अशांत माहौल में आगे बढना संभव नहीं है।
पंजाब के फगवाडा में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के परिसर में इंडियन साइंस कांग्रेस में पहुंचे श्रीनगर निवासी पत्रकार शब्बीर भट ने कहा कि भारत और पाकिस्तान की खींचतान का खामियाजा कश्मीर की अवाम को उठाना पड रहा है। सभी राजनीतिक दल भी कश्मीर समस्या में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और भाजपा गठबंधन के सत्ता में रहने से भी कोई राहत नहीं मिली। इस गठबंधन से तो दोनों दलों का नुकसान ही हुआ। पीडीपी का वजूद तो सिमट रहा है। जम्मू-कश्मीर में किसी एक पार्टी को बहुमत मिलना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि बडे बहुमत से केन्द्र की सत्ता में आई नरेन्द्र मोदी सरकार समस्या का समाधान कर सकती थी लेकिन किया नहीं गया।