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महिला वैज्ञानिकों की कम संख्या पर वूमेन साइंस कांग्रेस की चिंता दूसरे दिन जावडेकर ने दूर कर दी

इंडियन साइंस कांग्रेस के जनरल प्रेसीडेन्ट मनोज चक्रवर्ती ने कहा कि महिलाओं को अपने करीबियों को भी जागरूक करना चाहिए…

जालंधरJan 07, 2019 / 03:41 pm

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jadvedkar

(चंडीगढ,जालंधर): भारत में महिला वैज्ञानिकों की कम संख्या पर वूमेन साइंस कांग्रेस की चिंता रविवार को दूसरे दिन मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने दूर कर दी। जावडेकर ने वूमेन साइंस कांग्रेस के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि एक अकेली महिला वैज्ञानिक मैडम क्यूरी ने रेडियम जैसे पदार्थ की खोज कर विज्ञान को नई दिशा दी थी।

 

स्मृति ईरानी ने बताया था विज्ञान क्षेत्र में महिलाओं को अल्पसंख्यक

पंजाब के फगवाडा स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के परिसर में 106 वीं इंडियन साइंस कांग्रेस के तहत ही आठवीं वूमेन साइंस कांग्रेस का आयोजन किया गया था। एक दिन पहले ही शनिवार को केन्द्रीय कपडा मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने वूमेन साइंस कांग्रेस का उदघाटन करते हुए कहा था कि विज्ञान के क्षेत्र में महिलाएं अल्पसंख्यक है। महिला वैज्ञानिक मात्र 14 फीसदी हे। स्मृति ईरानी द्वारा उठाया गया यह मुद्या वूमेन साइंस कांग्रेस में एक चिंता की तरह छाया रहा। दूसरे दिन रविवार को वूमेन साइंस कांग्रेस के समापन सत्र में मुख्य अतिथि मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर के सामने भी जब कम महिला वैज्ञानिक होने की चिंता जाहिर की गई तो उन्होंने इसका समाधान करते हुए कहा कि महिला वैज्ञानिकों की कमी कोई चिंता की बात नहीं है। एक मैडम क्यूरी ने ही अपनी खोज से विज्ञान को अहम् योगदान दिया था।

 

समापन सत्र में महिला वैज्ञानिक डॉ नमिता दास ने याद दिलाया कि उदघाटन सत्र में केन्द्रीय कपडा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं की संख्या कम है। उन्होंने कहा कि लैगिक समानता की जरूरत है। परिवार का सहयोग मिलने पर महिलाओं का संघर्ष कम हो जाता है। वूमेन साइंस कांग्रेस की संयोजक जी गीता ने भी कपडा मंत्री स्मृति ईरानी के विचार को फिर पेश करते हुए कहा कि विज्ञान चेतना को बढाने के लिए विज्ञान पत्रिकाओं को भारतीय भाषाओं में प्रकाशित किया जाना चाहिए। जी. गीता ने कहा कि लैंगक समानता के लिए अधिक से अधिक महिलाएं विज्ञान के क्षेत्र में आएं।

महिला विकास बिना देश की प्रगति संभव नहीं

इंडियन साइंस कांग्रेस के जनरल प्रेसीडेन्ट मनोज चक्रवर्ती ने कहा कि महिलाओं को अपने करीबियों को भी जागरूक करना चाहिए। महिला वैज्ञानिक व्यापक नेटवर्किंग करें। सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए विज्ञान में महिलाओं की भागीदारी जरूरी है। आने वाले समय की चुनौतियों से निपटने के लिए महिलाओं को पुरूषों के साथ मिलकर काम करना होगा। महिलाओं की हालत में सुधार के बिना देश की प्रगति संभव नहीं। भारत सरकार ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं को आगे बढाने के लिए अनेक कदम उठाए है।

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