गगनयान का सपना 2022 तक होगा पूरा-मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग की तरह ईज ऑफ लिविंग पर तेजी से काम करना होगा...

(जालंधर,चंडीगढ़): इंडियन साइंस कांग्रेस के 106 वें अधिवेशन में गुरूवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत की दुनिया में धाक जमी है। अब देश का महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन 2022 में पूरा होगा। इस गगनयान में तीन भारतीय भेजे जायेंगे। मोदी ने कहा कि वैज्ञानिक समुदाय का महत्वाकांक्षी होना जरूरी है। उन्हें ईज ऑफ डूइंग की तरह ईज आफ लिविंग पर तेजी से काम करना होगा।
पंजाब के फगवाडा शहर में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की मेजवानी में आयोजित इंडियन साइंस कांग्रेस के अधिवेशन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के जरिए जीवन को जीना सुलभ,सुगम और सस्ता बनाया जा सकता है। देश के किसानों की समस्याओं का समाधान भी उन्होंने विज्ञान व तकनीकी के जरिए करने पर जोर दिया। मोदी ने भारत कों उन्नत बनाने के लिए वैज्ञानिक समुदाय के समक्ष एक तरह से एजेंडा पेश किया।
किसानों की आय बढाने के उपाय खोजे विज्ञान
उन्होंने कहा कि देश में दो हैक्टेयर से कम जमीन वाले किसान अधिक है। वैज्ञानिक इनकी आय बढाने के तरीके खोजे। उन्होंने कहा कि नए भारत की जरूरत पूरी करने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है। सूखा और आंधी व तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं से भी विज्ञान और तकनीकी के जरिए निपटा जाना चाहिए। कुपोषण,चिकनगुनिया,ऐंसेफलाइटिस,कैंसर,क्षय रोग, जैसी बीमारियों को दूर करने के साथ ही पेयजल की कमी दूर करने और सस्ती सौर उर्जा के जरिए आम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की भी जरूरत है। मोदी ने कहा कि वैज्ञानिक साइबर सुरक्षा को भी अभेद्य बनाए।
जय जवान—जय किसान—जय विज्ञान—जय अनुसंधान
देश को उन्नत और आम आदमी के जीवन को बेहतर बनाने के लिए मोदी ने अनुसंधान पर जोर दिया और इसके लिए कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जहां जय जवान और जय किसान का नारा दिया था वहीं पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने इसमें जय विज्ञान जोडा था। उन्होंने कहा कि देश की मौजूदा जरूरतों को देखते हुए इसमें जय अनुसंधान भी जोड लिया जाए।
प्रतिस्पर्द्धा नहीं करनी बल्कि श्रेष्ठता हासिल करनी है
उन्होंने कहा कि विज्ञान तो वैश्विक है लेकिन प्रौद्योगिकी के जरिए स्थानीय समस्याओं का समाधान खोजा जाना चाहिए। इस अधिवेशन का विषय था ’फ्यूचर इंडिया-साइंस एण्ड टैक्नोलॉजी’ विषय के अनुसार मोदी ने कहा कि भारत ने ज्ञान-विज्ञान से ही महानता हासिल की है। कम संसाधनों में विचारों और आविष्कारों से सेवा की है। आज भी प्रौद्योगिकी विकास से देश का विकास जुडा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ प्रतिस्पर्द्धा नहीं करनी बल्कि श्रेष्ठता हासिल करना है। अनुसंधान क्षमता बढाने के लिए हरसंभव काम करने की जरूरत है। विधाओं के बन्धन से मुक्त होकर काम करना होगा। भारत ने शोध आधारित ज्ञान से ही दुनिया को रोशन किया है। कॉलेज और यूनिवर्सिटी शोध के केन्द्र बनें। अनुसंधान के लिए 3600 करोड रूपए का राष्ट्रीय मिशन मंजूर किया गया है। अंतरिक्ष मिशनों में सफलता से हमारी सामर्थ्य का पता चलता है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र को उदार बनाया गया है और वहां फैक्ल्टी की कमी दूर की जाएगी।
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