मुख्यमंत्री द्वारा ओपन स्कूल प्रणाली के अंतर्गत 10वीं कक्षा के 31000 विद्यार्थियों के लिए 11वीं कक्षा में अस्थाई दाखि़ले का भी ऐलान किया गया, जो आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था न होने के कारण इस आधार पर कोविड संकट के दरमियान प्रोमोट नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि यह यकीनी बनाने के लिए कि इनके भविष्य पर बुरा प्रभाव न हो, राज्य सरकार द्वारा इन विद्यार्थियों को 11वीं कक्षा में अस्थाई दाखि़ले की आज्ञा देने का फ़ैसला लिया गया है, परन्तु हालात आम जैसे होने पर इनके लिए परीक्षाएं देना ज़रूरी होंगी। 12वीं कक्षा में 98 फीसदी अंक हासिल करने वाले 335 विद्यार्थियों के लिए प्रति विद्यार्थी 5100 रुपए के नकद इनाम का भी ऐलान किया।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बताया कि इस साल सरकारी स्कूलों के दाखि़लों में 13 फीसदी की वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब उनकी सरकार द्वारा स्कूली शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए उठाए गए कदमों के स्वरूप संभव हुआ है। उन्होंने साथ ही बताया कि स्मार्ट स्कूल बनाने के साथ-साथ अच्छे अध्यापकों की भर्ती, सरहदी क्षेत्रों के लिए विज्ञान विषय के अध्यापक उपलब्ध करवाना है और विद्यार्थियों की हाजिऱी बढ़ाने के लिए कदम उठाए गए। उन्होंने कहा कि नकल और अन्य अनुचित रुझानों को रोका गया और इन सब कदमों ने सरकारी स्कूलों के नतीजों में सुधार लाने में योगदान दिया। उन्होंने ज़ोर दिया कि भविष्य की बुनियाद को मज़बूत करने के लिए अच्छी स्कूली शिक्षा बहुत लाजि़मी है।