जालंधर

हरियाणा के साथ लिगानुपात सुधार की दौड में पंजाब

स्वास्थ्य विभाग के अध्ययन के अनुसार प्रदेश के 1589 अल्ट्रासाउंड सेन्टर की मैपिंग और सरकारी अस्पतालों में पांच साल की बच्चियों के मुफ्त इलाज की योजना लिंगानुपात बढाने में मददगार रहीं…

जालंधरSep 13, 2018 / 08:07 pm

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(चंडीगढ): पंजाब अपने पडौसी राज्य हरियाणा के साथ लिंगानुपात में सुधार की दौड में है। एक दशक पहले जहां पंजाब का लिंगानुपात 878 था वहीं आज 907 पर पहुंच गया है। हालांकि अभी हरियाणा से सात नम्बर नीचे है। हरियाणा का लिंगानुपात 914 पर है।


पंजाब ने छेडा अभियान

पंजाब सरकार ने लिंगानुपात में सुधार के लिए विशेष अभियान छेडा है और इसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे है। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार पंजाब के फतेहगढ साहिब जिले में सबसे कम लिंगानुपात था। जिले में प्रति एक हजार बच्चों पर 766 महिला बच्चियों का जन्म दर्ज किया गया था। लेकिन अब 908 बच्चियों का जन्म दर्ज किया जा रहा है।


जिलेवार कुछ यूं है लिंगानुपात

पंजाब के जिलेवार रिकाॅर्ड के अनुसार बरनाला जिला 938 बच्चियों के साथ शीर्ष पर है। इसके बाद मोहाली में 933,लुधियाना में 929,पटियाला में 922,कपूरथला में 921 बच्चियों का जन्म दर्ज किया गया है। इसके बाद पठानकोट में 877,रूपनगर में 879,गुरदासपुर में 884,तरणतारण में 887 और नवांशहर में सबसे कम 870 लिंगानुपात दर्ज किया गया है।

 

स्वास्थ्य विभाग के अध्ययन के अनुसार प्रदेश के 1589 अल्ट्रासाउंड सेन्टर की मैपिंग और सरकारी अस्पतालों में पांच साल की बच्चियों के मुफ्त इलाज की योजना लिंगानुपात बढाने में मददगार रहीं। मुफ्त इलाज योजना से सालाना 50 हजार बच्चियां लाभ ले रही है। विशेषज्ञ इस सफलता का कारण पीसीपीएनडीटी को सख्ती से लागू करना बता रहे है । अब लोग गर्भ के लिंगपरीक्षण के लिए पडौसी राज्य में जा रहे है। इसके मद्येनजर अन्तरराज्यीय तालमेल की जरूरत महसूस की जा रही है ।

 

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