दरअसल पंजाब में पड़ाेसी राज्यों की अपेक्षा शराब के दाम लगभग दोगुने हैं। ऐसे में शराब तस्कर दूसरे राज्यों से शराब लाकर पंजाब में सप्लाई करते हैं। इससे पंजाब में खपत तो पहले की जितनी ही होती है लेकिन पंजाब मार्का की शराब की बिक्री कम होती है।
शराब की बोतलों से पर लगने वाले एक्साइज से 6 हजार 201 करोड रुपए की एक्साइज ड्यूटी से राजस्व एकत्रित करने का लक्ष्य रखा था। सरकार को महज 1912.32 करोड़ रुपये ही एक्साइज से मिल पाए थे। यानि सरकार 4279.68 करोड़ रुपये कम राजस्व की प्राप्ति हुई। इन आंकड़ों को समझा जा सकता है कि सरकार को कितना कम राजस्व मिला है। एक्साइज से आने वाले राजस्व में सबसे बड़ी सेंध तस्करी लगा रही है।
सरकार को अब यह बात अच्छी तरह से समझ आ चुकी है और तस्करी पर पूरी तरह से लगाम कसने की तैयारी में है। इसको लेकर जहां अब नाकों पर सख्ती की जाएगी। वहीं दूसरी और शराब माफिया पर भी नजर रखी जाएगी। दूसरे राज्यों की एक्साइज पाॅलिसी को पहले से ही अध्ययन कर चुके है। जिसके तहत अब पंजाब सरकार पंजाब में शराब सस्ती करने जा रही है।