scriptविज्ञान के क्षेत्र में अल्पसंख्यक है अभी महिलाएं-स्मृति ईरानी | Women in the field of science are minor: Smriti Irani | Patrika News

विज्ञान के क्षेत्र में अल्पसंख्यक है अभी महिलाएं-स्मृति ईरानी

locationजालंधरPublished: Jan 05, 2019 10:14:37 pm

Submitted by:

Prateek

ईरानी ने कहा कि बचपन में ही जब एक बालिका को खिलौने में खेलने के लिए गुडिया थमा दी जाती है तो वहीं से लैगिक भेद की शुरूआत हो जाती है…

(जालंधर): केन्द्रीय कपडा मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने शनिवार को पंजाब के फगवाडा स्थित लवली प्रोंफेशनल यूनिवर्सिटी के परिसर में वूमेन साइंस कांग्रेस का उदघाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में अभी महिलाएं अल्पसंख्यक है। इंडियन साइंस कांग्रेस के तहत आयोजित वूमेंन साइंस कांग्रेस का दीप प्रज्जवलित कर उदघाटन करने के बाद श्रीमती ईरानी ने कहा कि अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में अभी 14 फीसदी महिलाएं है। उन्होंने कहा कि बचपन में ही जब एक बालिका को खिलौने में खेलने के लिए गुडिया थमा दी जाती है तो वहीं से लैगिक भेद की शुरूआत हो जाती है। ईरानी ने इसके मद्येनजर सामाजिक परिवेश बदलने की जरूरत बताई। विज्ञान में सभी को समानता उपलब्ध है। टेक्नोलॉजी भी लैगिक समानता के द्वार खोलती है। उन्होंने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं की प्राचीन स्थिति पर गौर करने से ज्यादा जरूरत भविष्य के लिए महिला वैज्ञानिक तैयार करने की है।

 

श्रीमती ईरानी ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पेश आने वाली भाषा की समस्या के समाधान पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि हिन्दी या पंजाबी समेत क्षेत्रीय भाषाएं बोलने व पढने वाले जब उच्च शिक्षा संस्थानों में पहुंचते है तो अचानक ही उनका सामना अंग्रेजी जैसी भाषा से होता है। अंग्रेजी में ही उच्च शिक्षा का सारा ज्ञान उपलब्ध होता है। विज्ञान की शिक्षा सर्व सामान्य की भाषा में लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में स्कूलों में 28 करोड बच्चे आयेंगे। साथ ही 64 फीसदी अध्यापन व परीक्षाएं ऑनलाइन हो जायेंगी।

वूमेन साइंस कांग्रेस के मंच पर महिलाओं की भागीदारी विज्ञान व अनुसंधान के क्षेत्र में बढाने पर चर्चा हुई। केन्द्र के विज्ञान और तकनीकी विभाग की वैज्ञानिक डॉ नमिता गुप्ता ने इससे पहले कहा कि सामाजिक व पारिवारिक दायित्वों के कारण महिलाएं अनुसंधान के क्षेत्र में समस्याओं का सामना करती है। बडी संख्या में महिलाएं विज्ञान और तकनीकी विभाग की योजनाओं का लाभ लेने के लिए आगे आ रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी महिलाओं की प्रगति के लिए बेटी बचाओ,बेटी पढाओ जैसे अभियान की पहल की है।

वूमेन साइंस कांग्रेस की निर्वाचित अध्यक्ष विजय लक्ष्मी सक्सेना ने कहा कि विवेकानन्द और देश के पहले प्रधानमंत्री कहते थे कि किसी देश व समाज की प्रगति का अनुमान महिलाओं की स्थिति देखकर लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इंडियन साइंस कांग्रेस में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है। इंडियन साइंस कांग्रेस के जनरल प्रेसीडेंट मनोज चक्रवर्ती ने कहा कि महिला शक्ति का पूरा इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। महिला एक बडा मानव संसाधन है। लेकिन विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं का योगदान कम है। उन्होंने प्राचीनकाल में विज्ञान के क्षेत्र में मुकाम बनाने वाली महिलाओं का जिक्र किया। उन्होंने ईसा के 2700 वर्ष पूर्व की महिला फिजीशियन का जिक्र भी किया।

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