मंगलवार सुबह तक पानी कम न होने और बहाव काफी तेज होने से टीला के डूब जाने की आशंका से ग्रामीणों में चीख पुकार मच गई। उन्होंने मोबाइल की मदद से परिवारीजनों को सूचना दी। ग्रामीणों की भीड़ नदी किनारे पहुंच गई और कुछ देर में एट थाना प्रभारी अरुण तिवारी फोर्स के साथ पहुंच गए लेकिन तेज बहाव के कारण बचाव कार्य नहीं हो पाया। उन्होंने एसपी डॉ. सतीश कुमार और जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर को जानकारी दी। कोंच एसडीएम अशोक कुमार और सीओ शीशराम भी आए। इसके बाद पीएसी स्टीमर लेकर पहुंची लेकिन पानी का तेज बहाव के चलते बचाव की कोशिश नाकाम साबित हुई। अधिकारियों ने लखनऊ से एनडीआरएफ का दस्ता बुलाया गया।
36 घंटे बाद सुरक्षित बाहर आ सके ग्रामीण
सोमवार शाम से टीले के मंदिर पर गए ग्रामीण करीब 36 घंटे फंसे रहे। मंगलवार रात को लखनऊ से आई एनडीआरएफ टीम ने टीले पर पहुंचकर ग्रामीणों को करीब साढ़े दस बजे सुरक्षित बाहर निकाला। इसके बाद ग्रामीणों को राहत मिली। ग्रामीण जब अपने परिजनों से मिले तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू आ गए। जान बचने पर ग्रामीणों में राहत हुई। एडीएम प्रमिल कुमार सिंह ने बताया कि एनडीआरएफ की टीम ने सभी को सकुशल बाहर निकाल लिया है।