जानिए क्या है राहूकाल
जालौन निवासी पंडित दिलीप दुवे ने बताया है कि शास्त्रों के अनुसार राहु को छाया ग्रह माना जाता है साथ ही यह ग्रह लोगों को अशुभ फल प्रदान करता हैं। इसलिए इस ग्रह के अधिपत्य में जो समय रहता हैं। उस दौरान लोगों द्वारा कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं क्योंकि सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक के समय में से आठवें भाग का स्वामी राहु होता है इसलिए इसे ही राहुकाल कहा जाता है।
इसके साथ ही बताया कि हर दिन 90 मिनट के लिए एक निश्चित समय राहुकाल कहलाता है। राहुकाल का समय किसी स्थान के सूर्योदय व वार पर निर्भर करता हैं। अगर सूर्योदय का समय 6 बजे माना जाए तो हर दिन का राहूकाल इस तरह रहेगा।
यह है हर दिन का राहुकाल
1. रविवार को शाम 4.30 से 6.00 बजे तक
2. सोमवार को दिन का दूसरा भाग यानी सुबह 7.30 से 9 बजे तक
3. मंगलवार को दोपहर 3.00 से 4.30 बजे तक
4. बुधवार को दोपहर 12.00 से 1.30 बजे तक
5. गुरुवार को दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक का समय यानी दिन का छठा भाग
6. शुक्रवार को दिन का चौथा भाग राहुकाल होता है यानी सुबह 10.30 बजे से 12 बजे तक का समय राहुकाल
7. शनिवार को सुबह 9 बजे से 10.30 बजे तक