
Yogi Keshav
लखनऊ. सोमवार से अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में महासुनवाई होने जा रही है। वहीं दूसरी तरफ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व सीएम योगी से लेकर भाजपा के कई दिग्गज कोर्ट में सुनवाई के अलावा संसद में इसको लेकर कानून बनाए जाने का दम भर रहे हैं। लेकिन यह इतना आसान नहीं है जितना आसानी से भाजपा इसे बता रही है। कानून के जानकारों की मानें तो तमाम अधिकार होने के बावजूद संसद को मंदिर निर्माण जैसे मुद्दों पर क़ानून बनाने का अधिकार नहीं है।
पूर्व जज ने दिया बड़ा बयान-
दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज और संविधान के जानकार जस्टिस गिरधर मालवीय भाजपा के इस प्लालिंग से सहमत नहीं हैं क्योंकि उनका मानना है कि संसद के पाल ऐसा करने का अधिकार ही नहीं है। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया है कि क़ानून बनाने के भी कुछ नियम हैं और उन नियमों के तहत कम से कम मंदिर निर्माण के लिए क़ानून तो नहीं बनाया जा सकता।
मालवीय का कहना है कि इस मामले में कोई ट्रायल नहीं होना है। सुप्रीम कोर्ट तो केवल अपील पर सुनवाई कर रही है। ऐसे में फैसला आने में वक्त नहीं लगेगा। उनका कहना है कि इस मामले में गठित बेंच रिकार्ड के मुताबिक़ ही सुनवाई करेगी और अपना फैसला सुनाएगी। इसमें जन भावनाओं का कोई मतलब नहीं है।
ऐसे आएगा फैसला-
गिरधर मालवीय का कहना है कि नई बेंच में सुनवाई शुरू होने के बावजूद केस का फैसला आने में देर नहीं लगेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछली बेंच में हुई सुनवाई के रिकॉर्ड्स फाइलों में दर्ज होते हैं। उनका मानना है कि अगर पक्षकारों ने इस मामले में बेवजह की तारीख नहीं ली, तो फैसला आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ही आ सकता है।
Published on:
28 Oct 2018 09:45 pm
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