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राज्य में स्थित विद्यालयों को केवल यूपी बोर्ड ही देता है मान्यता, जानिए पूरा इतिहास

locationजालौनPublished: Sep 25, 2019 09:23:59 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश एक परीक्षा लेने वाली संस्था है।

राज्य में स्थित विद्यालयों को केवल यूपी बोर्ड ही देता है मान्यता, जानिए पूरा इतिहास

राज्य में स्थित विद्यालयों को केवल यूपी बोर्ड ही देता है मान्यता, जानिए पूरा इतिहास

माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश एक परीक्षा लेने वाली संस्था है। इसका मुख्यालय इलाहाबाद में है। यह दुनिया की सबसे बड़ी परीक्षा संचालित करने वाली संस्था है। इसे संक्षेप में “यूपी बोर्ड” के नाम से भी जाना जाता है। यूपी बोर्ड ने कक्षा – 10+2 शिक्षा की प्रणाली को अपनाया हुआ है। यह 10वीं एवं 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए सार्वजनिक परीक्षा आयोजित करता है।

माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश की स्थापना सन में इलाहाबाद में संयुक्त प्रान्त वैधानिक परिषद (यूनाइटेड प्रोविन्स लेजिस्लेटिव काउन्सिल) के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। इसने सबसे पहले सन् 1923 में परीक्षा आयोजित की थी। यह भारत का प्रथम शिक्षा बोर्ड था जिसने सर्वप्रथम 10+2 परीक्षा पद्धति अपनाई थी। इस पद्धति के अंतर्गत्त प्रथम सार्वजनिक (बोर्ड) परीक्षा का आयोजन 10 वर्षों की शिक्षा के उपरांत, जिसे हाई-स्कूल परीक्षा एवं द्वितीय सार्वजनिक परीक्षा 10+2=12 वर्ष की शिक्षा के उपरांत दिए जाते हैं, जिसे इंटरमीडिएट परीक्षा कहते हैं। इसके पहले इलाहाबाद विश्वविद्यालय “हाई स्कूल” एवं “इण्टरमिडिएट” की परीक्षाएं आयोजित करता था।

उत्तर प्रदेश बोर्ड का मुख्य कार्य राज्य में हाई स्कूल एवं इण्टरमिडिएट की परीक्षा आयोजित करना होता है। इसके अलावा राज्य में स्थित विद्यालयों को मान्यता देना, हाई स्कूल एवं इण्टरमिडिएट स्तर के लिए पाठ्यक्रम एवं पुस्तकें निर्धारित करना भी प्रमुख कार्य है। साथ ही बोर्ड, अन्य बोर्डों द्वारा ली गई परीक्षाओं को तुल्यता प्रदान करता है। आने वाले समय में सदा बढ़ते रहने वाले कार्यभार को देखते हुए, बोर्ड को पूरे क्षेत्र में अपनी गतिविधियों के इलाहाबाद स्थित केन्द्रीय कार्यालय से कई समस्याओं का नियंत्रण और संचालन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।

अतः बोर्ड के चार क्षेत्रीय कार्यालयों की स्थापना मेरठ (1973) वाराणसी (1978), बरेली (1981) और इलाहाबाद (1987) में की गई। इन कार्यालयों में क्षेत्रीय सचिवों की नियुक्ति की गईं, जिनके ऊपर इलाहाबाद स्थित मुख्यालय के सचिव प्रधान कार्य पालक के रूप में कार्यरत रहते हैं। कुछ वर्ष पूर्व रामनगर (नैनीताल) स्थित कार्यालय को 8 नवंबर, 2000 को उत्तरांचल राज्य के गठन के समय यूपी बोर्ड से अलग कर दिया गया। वर्तमान आंकड़ों के अनुसार यूपी बोर्ड 32 लाख से अधिक छात्रों की परीक्षाएं संचालित करता है।

उत्तर प्रदेश में कुछ माध्यमिक विद्यालय काउंसिल ऑफ इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्ज़ामिनेशंस (आई.सी.एस.ई बोर्ड) एवं केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड(सी.बी.एस.ई) द्वारा प्रशासित हैं, वर्ना अधिकांश माध्यमिक विद्यालय यूपी बोर्ड की मान्यता प्राप्त हैं।

माध्यमिक शिक्षा परिषद : यूपी बोर्ड” के नाम से भी जाना जाता है यूपी बोर्ड ने कक्षा – 10+2 शिक्षा की प्रणाली को अपनाया
स्थापना : सन् 1921 में इलाहाबाद में की गई
सन् 1923 में : सबसे पहले परीक्षा आयोजित की
स्थापना मेरठ : सन 1973 में
स्थापना वाराणसी : सन 1978 में
स्थापना बरेली : सन 1981 में
स्थापना इलाहाबाद : सन 1987 में

 

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