स्पेशल बनाने के लिए बच्चों ने तैयारियां की शुरू
क्रिसमस डे को स्पेशल बनाने के लिए स्कूली बच्चों ने रंग-बिरंगी पोशाकों में क्रिसमस डांस, इंग्लिश डांस, डांडिया नृत्य, संबलपुरी नृत्य, रास, गरबा, रावत नाच, पंथी नृत्य के लिए रिहर्सल शुरू कर दी है। जिससे उन्हें कार्यक्रम में कोई समस्या न आए। इसके साथ ही सभी बच्चे क्रिसमस डे के दिन यीशु मसीह के जन्म उत्सव बड़े धूमधाम से मनाएंगे।
सांता निकोलस का बच्चे क्यों करते हैं इंतजार
क्रिसमस डे दिन सभी बच्चे खासकर सांता निकोलस का इंतजार करेंगे। बताया जाता है कि सांता निकोलस का जन्म तीसरी सदी में जीसस की मौत के 280 साल बाद मायरा में हुआ था। बचपन में माता पिता के देहांत के बाद निकोलस को सिर्फ भगवान जीसस पर यकीं था। बड़े होने के बाद निकोलस ने अपना जीवन भगवान को अर्पण कर लिया। वह एक पादरी बने फिर बिशप, उन्हें लोगों की मदद करना बेहद पसंद था। वह गरीब बच्चों और लोगों को गिफ्ट दिया करते थे। निकोलस को इसलिए संता कहा जाता है क्योंकी वह अर्धरात्री को गिफ्ट दिया करते थे कि उन्हें कोई देख न पाए।
आपको बता दें कि संत निकोलस के वजह से हम आज भी इस दिन सांता निकोलस का इंतजार करते हैं।