जालौन

कर्ज माफी के झूठे वादों से परेशान जालौन में किसान ने की आत्महत्या

कर्ज माफी के नाम पर किसानों को राहत देने वाली सरकार की लापरवाही का नतीजा ऐसा भुगता इस किसान ने

जालौनApr 20, 2018 / 06:39 pm

Mahendra Pratap

जालौन. किसानों को लेकर कर्ज माफी की बड़ी-बड़ी बातें तो योगी सरकार ने खूब की लेकिन अंत में नतीजा किसानों को अपनी जान गवां कर ही देना पड़ रहा है। देशभर में कर्ज माफी के मकड़जाल में फंसे किसान कोई और चारा न देखकर अपनी जिंदगी खत्म कर दे रहे हैं। इस आत्महत्या के पीछे किसान की मजबूरी कहें या सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराएं, लेकिन ये बात सौ फीसदी सच है कि आज भी किसान कर्ज माफी के जाल से बाहर नहीं निकल पाया है। अगर ऐसा न होता, तो दरालालपुर में किसान ने पेड़ पर लटक कर अपनी जान न दी होती। इस किसान पर एसबीआई का करीब साढ़े तीन लाख रुपये का कर्ज था। कर्ज न चुका पाने और खुद को इस बंधन से मुक्त करने के लिए किसान ने खुद को दुनिया से अलविदा कह दिया। इस किसान का नाम मोहन लाल है।
इस वजह से था परेशान

एसबीआई बैंक का साढ़े तीन लाख का कर्ज न चुका पाने की वजह से किसान ने अपनी जिंदगी खत्म कर दी। परिवार वालों का आरोप है कि चार दिन पहले बैंक वाले कर्ज वापस लेने आए थे। लेकिन फिर भी उन्हें राहत नहीं। इसी के साथ मोहन लाल की आठ बीघा जमीन थी, जिसपर इस बार फसल अच्छई नहीं हुई थी। इन बातों से परेशान मेहन लाल ने खुद को फांसी लगा दी। उसका शव बबूल के पेड़ पर लटका मिला था।
बैंक कर्मचारियों से हुई थी कहासुनी

मोहन लाल खाना खाने के बाद टहलने के बहाने से बाहर निकला लेकिन घर नहीं लौटा। काफी देर तक न लौटने की वजह से जब घरवालों को घबराहट हुई, तब जाकर मोहन लाल की मौत का पता लगा। परिवार वालों का आरोप है कि भारी मात्रा में कर्ज पूरा न कर पाने की वजह से मोहन लाल परेशान था। कुछ दिन पहले एसबीआई बैंंक के कर्मचारी आए थे लेकिन उनसे मोहन लाल की कहासुनी हो गयी थी।
इस मामले में एसडीएम सतीश चंद्र का कहना है कि अगर परिजन तहरीर देंगे, तो मामले की जांच की जाएगी। धमकाने वाले बैंक कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। मोहन लाल के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।

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