यहाँ की मटर स्पेन तक प्रसिद्ध हो चुकी है
उनके पास कृषि उत्पाद को इतने सुरक्षित फ्रीजर में रखने की व्यवस्था है कि उसमें कभी खराबी नही आ सकती और वह ऐसा ही बुंदेलखंड में करना चाहते हैं, जिससे यहाँ के किसानों को फायदा हो सके। उन्होंने बताया कि यहाँ की मटर स्पेन तक प्रसिद्ध हो चुकी है, जिसके लिए वह यहाँ तक आए हैं। जहां किसानों ने उनकी मटर की मांग पूरे देश में हो, लेकिन इसके व्यवसाय में बिचैलिये हावी हैं जो लागत के बराबर भी कीमत उन्हें नहीं मिलने देते इसलिए किसानों में निराशा फैल रही है।
उनके पास कृषि उत्पाद को इतने सुरक्षित फ्रीजर में रखने की व्यवस्था है कि उसमें कभी खराबी नही आ सकती और वह ऐसा ही बुंदेलखंड में करना चाहते हैं, जिससे यहाँ के किसानों को फायदा हो सके। उन्होंने बताया कि यहाँ की मटर स्पेन तक प्रसिद्ध हो चुकी है, जिसके लिए वह यहाँ तक आए हैं। जहां किसानों ने उनकी मटर की मांग पूरे देश में हो, लेकिन इसके व्यवसाय में बिचैलिये हावी हैं जो लागत के बराबर भी कीमत उन्हें नहीं मिलने देते इसलिए किसानों में निराशा फैल रही है।
किसानों की समस्याओं को सुनने के बाद स्पेनिश टीम के मुखिया बैन्टो जिगेन्जो ने मीडिया से बात की। जब उनसे पूछा कि यहाँ आने का क्या उद्देश्य है तो उन्होंने कहा कि भारत में खेती कैसे होती है, यह जानने के लिए वह यहाँ पर आये हैं, जिससे यहां की भौगौलिक स्थिति के बारे में पता कर सके। जब उनसे पूछा कि किसानों की उपज कैसे बढ़ायेंगे इसके लिये आप क्या करेंगे और क्या निर्देश देंगे। जिस पर स्पेनिश टीम के मुखिया बैन्टो जिगेन्जो ने बताया कि वह यहां के किसानों को तकनीकी सहयोग प्रदान करेंगे ताकि उनका उत्पादन और आमदनी बढ़ सके।
किसानों को फायदा पहुंचेगा
इसके अलावा टीम के मुखिया से पूंछा कि क्या स्पेन की तर्ज पर यहाँ खेती करेंगे तो उन्होंने बताया कि यहाँ के किसानों को उनकी फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए स्पेन की तकनीक का प्रयोग करेंगे और कुछ वर्षों में यहाँ भी लागू कर देंगे। उनसे पूछा कि बुंदेलखण्ड सूखा इलाका है। इस पद्धति से किसानों को क्या तकदीर बदलेंगी तो इस पर उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से उनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले बीज व अन्य तकनीक से सूखा ग्रस्त बुंदेलखंड के किसानों को फायदा पहुंचेगा और इसमें वह जरूर कामयाब रहेगें। उन्होंने बताया कि भारत में उनकी पहली विजिट है। इस दौरान अच्छी खेती करने वाले 5 किसानों को सम्मानित भी किया गया। गोष्ठी का संचालन दिल्ली से आए केंद्रीय समन्वयक रजनीश पांडेय ने किया। उन्होंने अनुवाद के मामले में किसानों और स्पेनिश टीम के बीच पुल की भूमिका निभाई। इफको के निदेशक महेश पांडेय ने स्पेनिश टीम का स्वागत किया। चीफ एरिया मैनेजर झांसी आरएन ओझा, सीनियर मैनेजर ए.के कामरान, फील्ड आफीसर उरई रामरतन सिंह, हमीरपुर आकाश चैबे और इफको के प्रगतिशील किसान परवेंद्र सिंह तोमर विरासनी मौजूद रहे।
इसके अलावा टीम के मुखिया से पूंछा कि क्या स्पेन की तर्ज पर यहाँ खेती करेंगे तो उन्होंने बताया कि यहाँ के किसानों को उनकी फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए स्पेन की तकनीक का प्रयोग करेंगे और कुछ वर्षों में यहाँ भी लागू कर देंगे। उनसे पूछा कि बुंदेलखण्ड सूखा इलाका है। इस पद्धति से किसानों को क्या तकदीर बदलेंगी तो इस पर उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से उनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले बीज व अन्य तकनीक से सूखा ग्रस्त बुंदेलखंड के किसानों को फायदा पहुंचेगा और इसमें वह जरूर कामयाब रहेगें। उन्होंने बताया कि भारत में उनकी पहली विजिट है। इस दौरान अच्छी खेती करने वाले 5 किसानों को सम्मानित भी किया गया। गोष्ठी का संचालन दिल्ली से आए केंद्रीय समन्वयक रजनीश पांडेय ने किया। उन्होंने अनुवाद के मामले में किसानों और स्पेनिश टीम के बीच पुल की भूमिका निभाई। इफको के निदेशक महेश पांडेय ने स्पेनिश टीम का स्वागत किया। चीफ एरिया मैनेजर झांसी आरएन ओझा, सीनियर मैनेजर ए.के कामरान, फील्ड आफीसर उरई रामरतन सिंह, हमीरपुर आकाश चैबे और इफको के प्रगतिशील किसान परवेंद्र सिंह तोमर विरासनी मौजूद रहे।