शासन के आदेश पर यूपी के सभी जिलों की सभी पुलिस लाइन में शस्त्र प्रशिक्षण (Arms Training) व शस्त्र चलाने का अभ्यास आवेदक को कराया जाएगा, जिसके लिए शासन ने अभ्यास कराने के लिए हर माह दो तिथि निर्धारित की हैं। अगर उस तिथि पर किसी कारणवश अवकाश पड़ जाता है तो उसके अगले कार्य दिवस पर प्रशिक्षण कार्य पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही पुलिस लाइन (Police Line) में एक रजिस्टर भी बनाया जाएगा, जिसमें प्रशिक्षण लेने वाले का पूरा विवरण दर्ज किया जाएगा।
प्रशिक्षण के लिए गठित होगी समिति
असलहा लाइसेंस लेने वाले आवेदकों के प्रशिक्षण के लिए क्षेत्राधिकारी लाइन, प्रतिसार निरीक्षक व आरमोरर की समिति गठित की जाएगी जो आपको प्रशिक्षण देने के बाद प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा उसके बाद ही आपको शस्त्र लाइसेंस दिया जाएगा। यानि जब तक आपको शस्त्र चलाना नहीं आ जाता तब तक समिति आपको प्रमाण जारी नहीं करेगी।
राइफल लाइसेंस के अतिरिक्त सूचना
आयुध अधिनियम 2016 के तहत राइफल लाइसेंस (Rifle license) के लिए पुलिस की ओर से सत्यापन किया जाएगा। जिसमें आवेदक को अपने बारे में पूरी जानकारी पुलिस को देनी होगी। साथ ही विरासत, हस्तानांतरण के मामले में अलग-अलग सूचनाएं प्रशासन को देनी होगी। चाहें वह शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले हों या नवीनीकरण वाले हों। तहसीलों, थानों से लगनी वाली रिपोर्ट तय समय सीमा के भीतर ही लगानी होगी। व्यक्तिगत शस्त्र लाइसेंस के लिए फार्म क-1 और कंपनी व फर्म के लिए आवेदन फार्म क-2 और नवीनीकरण के लिए संशोधित प्रारूप क-3 जारी किया गया है। यदि किसी के पास एक से अधिक शस्त्र होंगे तो उनके लिए अलग-अलग बनाई जाने वाली पासबुक की जगह एक ही पासबुक में सभी नंबर दर्ज किए जाएंगे।