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असलहा लाइसेंस के बदल गए नियम, आवेदन करने से पहले लेना होगा प्रशिक्षण

locationजालौनPublished: Aug 26, 2019 02:55:32 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

शस्त्र लाइसेंस (Shastra License) बनवाने के लिए आपको सबसे पहले शस्त्र चलाने का प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होगा।

असलहा लाइसेंस बनवाना चाहते हैं, तो आवेदन करने से पहले करना होगा यह काम

असलहा लाइसेंस बनवाना चाहते हैं, तो आवेदन करने से पहले करना होगा यह काम

जालौन. अगर आप असलहा लाइसेंस (Asalha License) रखने के शौकीन हैं और आप शस्त्र लाइसेंस (Shastra License) बनवाने के लिए जा रहे हैं तो आपको सबसे पहले शस्त्र चलाने का प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होगा, नहीं तो आपका शस्त्र लाइसेंस नहीं बन पाएगा। उत्तर प्रदेश में काफी लम्बे समय से असलहा लाइसेंस जारी नहीं हो रहे हैं। इसके लिए शासन ने प्रदेश के सभी जिलों में प्रशिक्षण की व्यवस्था कराने का निर्देश जारी किया है कि आवेदक के शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन करने से पहले शस्त्र चलाने का प्रशिक्षण दिया जाए। इसका बाद ही आवेदक को असलहा लाइसेंस दिया जाए।

शासन के आदेश पर यूपी के सभी जिलों की सभी पुलिस लाइन में शस्त्र प्रशिक्षण (Arms Training) व शस्त्र चलाने का अभ्यास आवेदक को कराया जाएगा, जिसके लिए शासन ने अभ्यास कराने के लिए हर माह दो तिथि निर्धारित की हैं। अगर उस तिथि पर किसी कारणवश अवकाश पड़ जाता है तो उसके अगले कार्य दिवस पर प्रशिक्षण कार्य पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही पुलिस लाइन (Police Line) में एक रजिस्टर भी बनाया जाएगा, जिसमें प्रशिक्षण लेने वाले का पूरा विवरण दर्ज किया जाएगा।

प्रशिक्षण के लिए गठित होगी समिति

असलहा लाइसेंस लेने वाले आवेदकों के प्रशिक्षण के लिए क्षेत्राधिकारी लाइन, प्रतिसार निरीक्षक व आरमोरर की समिति गठित की जाएगी जो आपको प्रशिक्षण देने के बाद प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा उसके बाद ही आपको शस्त्र लाइसेंस दिया जाएगा। यानि जब तक आपको शस्त्र चलाना नहीं आ जाता तब तक समिति आपको प्रमाण जारी नहीं करेगी।

राइफल लाइसेंस के अतिरिक्त सूचना

आयुध अधिनियम 2016 के तहत राइफल लाइसेंस (Rifle license) के लिए पुलिस की ओर से सत्यापन किया जाएगा। जिसमें आवेदक को अपने बारे में पूरी जानकारी पुलिस को देनी होगी। साथ ही विरासत, हस्तानांतरण के मामले में अलग-अलग सूचनाएं प्रशासन को देनी होगी। चाहें वह शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले हों या नवीनीकरण वाले हों। तहसीलों, थानों से लगनी वाली रिपोर्ट तय समय सीमा के भीतर ही लगानी होगी। व्यक्तिगत शस्त्र लाइसेंस के लिए फार्म क-1 और कंपनी व फर्म के लिए आवेदन फार्म क-2 और नवीनीकरण के लिए संशोधित प्रारूप क-3 जारी किया गया है। यदि किसी के पास एक से अधिक शस्त्र होंगे तो उनके लिए अलग-अलग बनाई जाने वाली पासबुक की जगह एक ही पासबुक में सभी नंबर दर्ज किए जाएंगे।

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