पुलिस लाईन में हुआ खुलासा
पुलिस लाईन में खुलासा करते हुए जालौन के एसपी अमरेन्द्र प्रसाद ने बताया कि 29 जुलाई और 31 जुलाई की रात को आटा थाना क्षेत्र के ग्राम संदी में फायरिंग की दो वारदातें चार दिनों के अंतराल में घटित हुई थी। जिसमें 2 लोगों की मौत हुई थी जबकि इस घटना में 4 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस पूरी वारदात का का मास्टर माईंड अल्ला रक्खू और उसके तीन पुत्र चांद खां उर्फ वीराना, सोहेल, और आसिक निकले। जिन्होने ही संधी गांव में इस खूनी वारदात को अंजाम दिया था।
एसपी ने बताया कि अल्ला रकखू के पिता बाबू खां व मंसूर खां आपस में साडू थे। मंसूर ग्राम बम्हौरी में रहता था जहां उसने एक लोधी महिला की लूट के बाद हाथ पैर काटकर हत्या कर दी थी। उक्त घटना पर गांव के लोगों ने उसे गांव से भगा दिया था तभी से वह मेरे पिता बाबू खां के यहां गांव संदी में शरण ले ली थी। इसके बाद मेरे मौसा मंसूर ने मेरे मकान पर भी कब्जा कर लिया और मेरे पिता बाबू खां की हत्या कर दी जिसमें वह जेल भी गया था। तब मैंने मंसूर के पुत्र मकसूद व मकसूद के पुत्र साहिब जो 8-10 वर्ष का था उसकी हत्या कर दी जिससे मैं जेल चला गया। मेरे जेल जाने के दौरान मकसूद आदि ने मेरी बहन माजिदा जो कि अंधी थी व मां रसूलन की हत्या कर दी थी। इसके बाद मैंने मकसूद को मारने का प्रयास किया था। इसके साथ ही मां व बहन की हत्या में शामिल रहे मकसूद, उमाशंकर विश्वकर्मा, इकबाल, मेंहदी भी शामिल थे।
जब उक्त मामले में मकसूद, मंसूर, इकबाल व पप्पू जेल गये थे तो मैं भी पुनः हाजिर होकर जेल चला गया जेल में जमानत पर छूटने के बाद मकसूद को मारने की नियत से फायर किया था। लेकिन वह बच गया था। उक्त घटनाक्रम के बाद गांव के लोगों ने मेरा साथ नहीं दिया तो हम लोगों ने संदी गांव को छोड़कर कदौरा कस्बा के इस्लामाबाद में रहने लगे थे। लेकिन एक वर्ष पूर्व मुन्ना की पुत्री नूरबानो की शादी मकसूद ने अपने पुखरायां निवासी भांजे से जबरदस्ती करा दी थी जिसका मैंने विरोध भी किया था। इस दौरान मेरे ससुर पीरबक्स की मौत हो गई तो मैं उसमें शामिल होने गया जहां मेरी मकसूद से कहासुनी हो गई थी। तो मकसूद ने मेरे पुत्र चांदखां को धमकी दी थी। मैं शादी कराऊंगा और तुम कुछ नहीं कर पाओगे।
रास्ते में जो भी मिला उसे भी मार दिया
पूछताछ के दौरान हत्यारोपी ने बताया कि उमाशंकर विश्वकर्मा की हत्या मकसूद आदि के द्वारा मेरे घर के लूट के माल के बंटवारे के विवाद के चलते हई थी। उसमें भी मकसूद बच गया था जिसमें मैं जेल गया था। मेरा पुत्र चांद खां कपड़े की फेरी का काम करता था। कुछ दिन पहले वह कपड़े की फेरी करने ग्राम संदी गया थावहां पर मंसूर आदि लोगों से विवाद हुआ था। आजाद ने मुझे व मेरे पुत्र को गाली गलौज किया था तो कुछ लोगों ने मेरे पुत्र के साथ मारपीट भी कर दी थी। चूंकि गांव के लोगों ने हमारा साथ कभी नहीं दिया जिससे गांव वालों से रंजिश रखता था और 29 जुलाई की रात में अल्ला वक्सू ने लोगों की हत्या करने की योजना बनाई थी लेकिन पानी बरसने के कारण कोई बाहर नहीं लेटा था फिर उक्त लोगों ने मिलकर दोबारा योजना बनाई और 31 जुलाई की रात्रि में आजाद की गोली मारकर हत्या कर दी फिर रास्ते में जो भी मिला ईशान, बालाप्रसाद आदि को भी गोली मार दी ताकि लोगों को कोई पहचान न सके।
पुलिस को 50 हजार रुपए नकद पुरस्कार दिया गया
घटना को अंजाम देने के बाद चांद खां इटौरा चला गया और बाकी लोग कदौरा आकर बाहर भागने की फिराक में थे लेकिन तभी पुलिस ने पकड़ लिया। खुलासे के दौरान एसपी ने यह भी बताया कि अल्ला रक्खू उर्फ पप्पू पुत्र बाबू खां के विरुद्ध कदौरा व आटा थाने में 15 मुकदमे दर्ज हैं। जबकि उसके पुत्र चांद खां के विरुद्ध भी 9 मामले दर्ज है दूसरे पुत्र सोहेल के विरुद्ध तीन व तीसरे पुत्र आसिक के विरुद्ध आटा थाने में दो मामले दर्ज है। उक्त घटना का खुलासा करने पर आईजी जोन कानपुर की ओर से 50 हजार रुपए नकद पुरस्कार से पुरुस्कृत किया गया।