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Rishi Panchami 2018 : ऋषि पंचमी का ये है समय, व्रत पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

locationजालौनPublished: Sep 14, 2018 03:50:13 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

Rishi Panchami 2018 : हिन्दू धर्म में उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में महिलाएं ऋषि पंचमी का व्रत रखकर बड़े ही धूमधाम से पूजा करती हैं।

Rishi Panchami Kab Hai 2018 in India | 2018 में ऋषि पंचमी कब है

Rishi Panchami 2018 : ऋषि पंचमी कब है, ये है समय, व्रत पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Neeraj Patel
जालौन.
ऋषि पंचमी का व्रत भाद्रपद की शुक्ल पंचमी को रखा जाता है। हिन्दू धर्म में उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में महिलाएं ऋषि पंचमी का व्रत रखकर बड़े ही धूमधाम से पूजा करती हैं। जालौन निवासी ज्योतिषाचार्य ने बताया है कि इस दुनिया में जो चार वेद लिखे गए हैं उन चार वेदों में सात ऋषियों के बारे में बताया गया है। जिनके कुल के वंशज आज भी लोगों के बीच उपस्थित हैं और अधिकांश भारतीय लोग ऋषि के कुल से संबंध भी रखते हैं। इन्हीं सात ऋषियों का सम्मान करने और उनकी पूजा करने के लिए ऋषि पंचमी व्रत महिलाओं द्वारा रखा जाता है। इस व्रत के सन्दर्भ में ब्रह्मा जी ने इस व्रत को पापो से दूर करने वाला व्रत कहा हैं, इसको करने से महिलाएं दोष मुक्त हो जाती हैं।

ऋषि पंचमी कब है

इस बार ऋषि पंचमी 14 सितंबर दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी और इसका शुभ मुहूर्त 11:09 से 13:35 तक 2 घंटे 26 मिनट का है।

ऋषि पंचमी व्रत सभी महिलाएं 14 सितंबर दिन शुक्रवार को रखेंगी। हालांकि ये व्रत पुरुषों के लिए भी होता है लेकिन ज्यादातर महिलाएं इस व्रत को रखती हैं। अगर ये व्रत और पूजा कुंवारी लड़कियां करें तो उनको इस व्रत का काफी अच्छा फल मिलता है। इस दिन अगर किसी सरोवर या नदी में स्नान करें तो वो अति उत्तम है। इस व्रत का फल अन्य व्रतों की अपेक्षा ज्यादा माना गया है। अगर विधान और साफ दिल से ऋषि पंचमी व्रत को रखा जाए तो आपके सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है।

ऋषि पंचमी पूजा विधि

1. ऋषि पंचमी के दिन अपने घर में सातों ऋषियों की मूर्तियों को स्थापित करें।
2. ऋषि पंचमी पर देवी अंरुधती भी स्थापित करें और पंचामृत से स्नान करवाएं।
3. ऋषि पंचमी पर सातों ऋषियों की मूर्तियों पर चंदन लेप, धूप, ज्योत आदि अर्पित करें।
4. ऋषि पंचमी श्वेत वस्त्रों में मंत्र जाप करें और व्रत कथा सुनें।

ऋषि पंचमी का महत्व

हिन्दू धर्म में ऋषि पंचमी का महत्व बहुत अधिक माना जाता हैं। सभी दोषों से मुक्ति पाने के लिए इस व्रत का रखा जाता हैं। ऋषि पंचमी कोई एक त्यौहार नहीं बल्कि एक व्रत हैं जिसमें सप्त ऋषि की पूजा की जाती हैं। हिन्दू धर्म में माहवारी के समय बहुत से नियम कायदों को मानने की परम्परा कई वर्षों से चली आ रही है। हैं। अगर की कारणवश इस समय में कोई चूक हो जाती हैं, तो महिलाओं को दोष मुक्त करने के लिए इस व्रत को करती हैं और इस व्रत के सभी नियमों का पालन भी करती है।

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