बुंदेलखंड क्षेत्र से प्रदेश अध्यक्ष की अच्छी पकड़ दरअसल स्वतंत्रदेव सिंह कालपी सीट से 2012 में चुनाव लड़ चुके हैं। भले यहां से यहां से परिणाम उनके पक्ष में न रहा हो, लेकिन यहां पर जमीनी स्तर पर अच्छी पकड़ है और लोगों की नब्ज भी जानते हैं। स्वतंत्रदेव का इस क्षेत्र से काफी जुड़ाव रहा है और लोगों के बीच उनकी पैठ है। विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा नेतृत्व बड़े नेताओं को लेकर सीट को लेकर गंभीर है। पार्टी के नेताओं का भी यही मानना है कि स्वतंत्रदेव को बुंदेलखंड क्षेत्र की किसी भी सीट से लड़ाया जा सकता है।
विधानसभा चुनाव 2017 में कालपी से थी बड़ी सफलता 2017 विधानसभा में बुंदेलखंड क्षेत्र में स्वतंत्रदेव सिंह द्वारा चयनित सभी प्रत्याशी चुनाव जीते थे इसलिए उनकी यहां अच्छी पकड़ मानी जाती है। 2017 में भाजपा को कालपी सीट से बड़ी सफलता मिली थी। इसीलिए फिर से बुंदेलखंड की सभी 19 सीटों पर पकड़ बनाने के लिए उसके आसपास की सीट से चुना लड़ाने का प्रयास जारी है। पार्टी के नेताओं के मुताबिक कालपी सीट बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए भी अहम मानी जाती है। इस तरह अगर प्रदेश अध्यक्ष कालपी से चुनाव लड़ते हैं तो झांसी तक इसके अच्छे परिणाम हो सकते हैं।