जालौन निवासी ज्योतिषाचार्य दिनेश तिवारी ने बताया है कि हिन्दू धर्म में शादी विवाह में सबसे पहले गणेश पूजा बहुत ही महत्वपूर्ण व कल्याणकारी होती है। चाहे वह किसी भी कार्य की सफलता या फिर किसी की कामना पूर्ति स्त्री, पुत्र, पौत्र, धन, समृद्धि के लिए या फिर अचानक ही किसी संकट में पड़े हुए दुखों के निवारण के लिए हो। सबसे पहले भगवान गणेश की ही पूजा की जाती है और किसी भी शुभ कार्य के शुरूआत में सबसे पहले गणेश भगवान को याद किया जाता है।
ऐसा कौन सा कारण है कि हम गणपति के बिना कोई काम नहीं कर सकते
गणपति बप्पा को सबसे पहले आमंत्रित करने का बड़ा दार्शनिक कारण है। बता दें कि गणपति बुद्धि और विवेक के देवता है। इसलिए जब बुद्धि से ही विवेक से कोई कार्य किया जाता है उस कार्य में सफलता मिलता निश्चित है। हम सभी गणपति की पूजा कर आशीर्वाद मांगते हैं कि हमारी बुद्धि भ्रमित न हो ताकि हम सही समय पर सही ले सकें ताकि सभी कार्य सफल हो सकें।
यही कारण है कि गणपति जी का चित्र भी शादी और अन्य कार्डों पर छपवाया जाता है। शादी जैसे बड़े आयोजन बिना किसी विघ्र के सम्पन्न हो इसलिए सबसे पहले गणेश को पीला चावल और लड्डू का भोग अर्पित किया जाता है और पूरा परिवार एकत्रित होकर उनसे शादी में पधारने के लिए आमंत्रित करता है ताकि शादी में सभी प्रसन्न रहें और किसी प्रकार की कोई बाधा न आए।