इससे पूर्व भी रक्तदान
मामले मे ंखास बात यह है कि दो दिन पूर्व भी इसी आयोजन के दौरान भी रक्तदान की अनूठी पहल की गई थी। आहोर से कांगे्रस प्रत्याशी रह चुके कांग्रेस के सक्रिय नेता सवाराम पटेल ने बताया कि दो दिन पूर्व रक्तदान के बाद 101 यूनिट रक्तदान भी जालोर के लिए भेजा गया है।
मामले मे ंखास बात यह है कि दो दिन पूर्व भी इसी आयोजन के दौरान भी रक्तदान की अनूठी पहल की गई थी। आहोर से कांगे्रस प्रत्याशी रह चुके कांग्रेस के सक्रिय नेता सवाराम पटेल ने बताया कि दो दिन पूर्व रक्तदान के बाद 101 यूनिट रक्तदान भी जालोर के लिए भेजा गया है।
इधर, रानीवाड़ा में स्वामी आत्मानंद सरस्वती महाराज के नाम शिक्षण पुरस्कार प्रारंभ करने की मांग
रानीवाड़ा. राजस्थान समेत पूरे देश में शिक्षा सारथी संत के नाम से विख्यात संत स्वामी आत्मानंद सरस्वती महाराज के नाम शिक्षण पुरस्कार प्रारंभ करने के लिए सोमवार को स्वामी श्री आत्मानंद सेवा संस्थान के कोषाध्यक्ष अमृत पुरोहित ने रानीवाड़ा उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। पुरोहित ने बताया कि स्वामी आत्मानंद सरस्वती महाराज एक ऐसे संत थे जिन्होंने मारवाड़ समेत पूरे राजस्थान में सभी वर्गों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जगह-जगह छात्रावास व विद्यालयों का निर्माण करवाया। उन्होंने अपना पूरा जीवन शिक्षा की अलख जगाने में व्यतीत किया। पुरोहित ने बताया कि संत श्री की प्रेरणा से आज भी उनके हजारों शिष्य राजस्थान समेत पूरे देश में निस्वार्थ भाव से शिक्षा के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं। स्वामी श्री आत्मानंद सेवा संस्थान रानीवाड़ा के प्रधान संरक्षक दंडी स्वामी देवानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि स्वामी आत्मानंद सरस्वती महाराज एक ऐसे संत थे, जिनका यह मानना था कि सर्व समाज का प्रत्येक बालक बालिका उच्च शिक्षा ग्रहण करें और शिक्षा से कोई वंचित नहीं रहे इसके लिए उन्होंने अपने पूरे जीवन काल में कार्य किए इसलिए आज उन्हें राजस्थान समेत पूरे देश में शिक्षा सारथी संत के नाम से जाना जाता है। उन्होंने बताया कि संत श्री के द्वारा स्वामी आत्मानंद सेवा संस्थान वात्सल्यधाम की स्थापना की गई इसमें 36 कौम के सैकड़ों बालक बालिकाओं ने निशुल्क अध्ययन कर अपना जीवन संवारा है। वर्तमान में भी सैकड़ों बालक बालिका अध्ययन कर रहे हैं। दंडी स्वामी देवानंद महाराज ने बताया कि आत्मानंद सरस्वती महाराज के नाम शिक्षण पुरस्कार प्रारंभ करने के लिए आहोर विधायक छगन सिंह राजपुरोहित ने विधानसभा में अपनी बात रखी थी, जिसके बाद राजस्थान समेत पूरे देश से 36 कौम के उनके शिष्यों द्वारा यह मांग उठाई जा रही है। उन्होंने बताया कि हमें मुख्यमंत्री से आशा है कि मुख्यमंत्री अति शीघ्र स्वामी आत्मानंद महाराज के नाम से शिक्षण पुरस्कार प्रारंभ करेंगे।
रानीवाड़ा. राजस्थान समेत पूरे देश में शिक्षा सारथी संत के नाम से विख्यात संत स्वामी आत्मानंद सरस्वती महाराज के नाम शिक्षण पुरस्कार प्रारंभ करने के लिए सोमवार को स्वामी श्री आत्मानंद सेवा संस्थान के कोषाध्यक्ष अमृत पुरोहित ने रानीवाड़ा उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। पुरोहित ने बताया कि स्वामी आत्मानंद सरस्वती महाराज एक ऐसे संत थे जिन्होंने मारवाड़ समेत पूरे राजस्थान में सभी वर्गों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जगह-जगह छात्रावास व विद्यालयों का निर्माण करवाया। उन्होंने अपना पूरा जीवन शिक्षा की अलख जगाने में व्यतीत किया। पुरोहित ने बताया कि संत श्री की प्रेरणा से आज भी उनके हजारों शिष्य राजस्थान समेत पूरे देश में निस्वार्थ भाव से शिक्षा के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं। स्वामी श्री आत्मानंद सेवा संस्थान रानीवाड़ा के प्रधान संरक्षक दंडी स्वामी देवानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि स्वामी आत्मानंद सरस्वती महाराज एक ऐसे संत थे, जिनका यह मानना था कि सर्व समाज का प्रत्येक बालक बालिका उच्च शिक्षा ग्रहण करें और शिक्षा से कोई वंचित नहीं रहे इसके लिए उन्होंने अपने पूरे जीवन काल में कार्य किए इसलिए आज उन्हें राजस्थान समेत पूरे देश में शिक्षा सारथी संत के नाम से जाना जाता है। उन्होंने बताया कि संत श्री के द्वारा स्वामी आत्मानंद सेवा संस्थान वात्सल्यधाम की स्थापना की गई इसमें 36 कौम के सैकड़ों बालक बालिकाओं ने निशुल्क अध्ययन कर अपना जीवन संवारा है। वर्तमान में भी सैकड़ों बालक बालिका अध्ययन कर रहे हैं। दंडी स्वामी देवानंद महाराज ने बताया कि आत्मानंद सरस्वती महाराज के नाम शिक्षण पुरस्कार प्रारंभ करने के लिए आहोर विधायक छगन सिंह राजपुरोहित ने विधानसभा में अपनी बात रखी थी, जिसके बाद राजस्थान समेत पूरे देश से 36 कौम के उनके शिष्यों द्वारा यह मांग उठाई जा रही है। उन्होंने बताया कि हमें मुख्यमंत्री से आशा है कि मुख्यमंत्री अति शीघ्र स्वामी आत्मानंद महाराज के नाम से शिक्षण पुरस्कार प्रारंभ करेंगे।