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अज्ञात कारणों से 17 भेड़-बकरियां काल-कवलित

locationजालोरPublished: Jul 08, 2019 04:59:52 pm

Submitted by:

Jitesh kumar Rawal

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अज्ञात कारणों से 17 भेड़-बकरियां काल-कवलित

घर के नजदीक आते ही काफूर हो गई खुशियां


सियाणा. भेड़-बकरियों को पालने के लिए कई माह तक वह अपने घर से दूर रहा। अब बारिश की आस में घर लौट रहा था, लेकिन कुछ किमी पहले ही कई भेड़-बकरियां काल-कवलित हो गई। परिजनों से मिलने की खुशी कुछ ही पलों में काफूर हो गई। घटना रविवार सुबह सियाणा में हुई। गणपतगढ़ निवासी पशुपालक घर लौट रहा था, लेकिन सियाणा पहुंचते ही अचानक कई भेड़-बकरियों ने दम तोड़ दिया।
भेड़पालक सुराराम देवासी ने बताया कि पशु चराई के लिए वह अन्यत्र गया था। अब वापस घर आ रहा था। काफी सपने व अपनों को मिलने को लेकर मन हिलोर मार रहा था, लेकिन घर के पास आते ही दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बताया कि लोटीवाड़ा से चांदना होते हुए सियाणा आया। यहां से उसे तालाब मार्ग होते हुए गणपतगढ़ गोलिया पहुंचना था। सियाणा में जवाहर नगर के पास भेड़े तड़पने लगी। साथ ही एक-एक कर काल-कवलित हो गई। करीब सत्रह भेड़-बकरियां मर गई। पुलिस चौकी से एएसआई कुयाराम, हैड कांस्टेबल होबाराम, बीरबलराम भी आए तथा ग्रामीणों के साथ सहयोग किया। सूचना मिलने पर पशु चिकित्सालय से रामसिंह, डॉ. रोशनलाल शर्मा व कम्पाउंडर लक्ष्मण गहलोत पहुंचे तथा घायल भेड़ों का उपचार किया। पशुपालक मादाराम व वणाराम देवासी ने बताया कि ऐसी घटनाएं आए दिन घटती रहती हैं, लेकिन पशुपालक व भेडपालकों को सरकारी सहायता नही मिलती। इस घटना में सुराराम को करीब डेढ़ लाख रुपए का नुकसान झेलना पड़ा। ग्रामीण महेन्द्रसिंह चौहान, कालूसिंह, भरतसिंह रावणा, दिनेश माली, लाखाराम देवासी समेत कई लोगों ने तड़प रही भेड़ों को बचाने में सहयोग किया। पशुपालक ने बताया कि भेड़-बकरियां मरने के कारण अज्ञात है। संभवतया रास्ते में चराई करते समय कोई जहरीली घास खाने से भेड़-बकरियों की तबीयत बिगडऩे का अनुमान लगाया गया है।
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