उप पंजीयन शाखा में शुक्रवार को प्रशासन गांवों के संग फोलोअप शिविर में दिनभर उप पंजीयक अधिकारी तहसील से चालीस किलो मीटर दूर डूंंगरी में व्यस्त होने के बाद भी दिनभर बाबू के भरोसे ही पंजीयन होते रहे। जो एक बिना उप पंजीयक अधिकारी व मौन स्वीकृति के दस्तावेज पंजीयन होते रहे। ऐसे में दिनों दिन ही फर्जीवाड़ा बढऩे की आशंका बढ़ रही हैं।
कई बार होता बिना मार्क किए पंजीयन तहसील कार्यालय में पंजीयन शाखा में उप पंजीयन अधिकारी भले ही बैठक में भाग लेने के लिए जालोर या फिर फील्ड के कार्य में व्यस्त हो। लेकिन पंजीयन का कार्य पंजीयन बाबू के भरोसे ही शुरु रहता हैं। ऐसे में कई बार अधिकारी बाहर होने के बाद भी पंजीयन होते हैं।
अधिकारी बाहर होने का करते इंतजार करने वाले भू-माफिया भी कई बार पंजीयन बाबू से सांठ-गांठ कर अधिकारी के बाहर जाने का इंतजार करते है। ऐसे में जब अधिकारी तहसील कार्यालय से बाहर जाते है तब बाबू के पास जाकर तहसील में पंजीयन कर लेते हैं।
बाबू बनता हैं उप पंजीयक अधिकारी चितलवाना तहसील में उप पंजीयक अधिकारी बाहर होने पर पंजीयन बाबू उप पंजीयक अधिकारी से फोन पर स्वीकृति मिलने पर खुद ही उप पंजीयक अधिकारी की हैसियत से दस्तावेज का सत्यापन करके पंजीयन करता हैं।
कौन करे नियमों की पालना तहसील के उप पंजीयक अधिकारी की ओर से पंजीयन दस्तावेज के सत्यापन के दौरान बेचान कत्र्ता की ओर से सोचने, समझने, सुनने की क्षमता होने पर अपने नाम से भूमि का दस्तावेज हस्तानन्तरण करवा सकता हैं। तहसील में कई दस्तावेज बिना सोच-समझ के धोखाधड़ी, षड्यंत्रपूर्वक व फर्जी दस्तावेज पंजीयन होने से आखिर न्यायालय की चरण लेनी पड़ती है। जिससे न्यायालय व पुलिस के पास मामले आए दिन बढ़ रहे हैं।
यह उप पंजीयक का सवाल-जवाब पत्रकार- सर उप पंजीयक अधिकारी कार्यालय में नहीं होने पर भी दस्तावेज पंजीयन होते है। उप पंजीयक- ऐसा कभी नहीं होता हैं। पत्रकार- शुक्रवार को तहसील में बिना कोई अधिकारी के दिनभर पंजीयन हुआ है।
उप पंजीयक- मैं सुबह एक बार तहसील में आकर गया हूं। पत्रकार- दिन में जो पंजीयन हुआ हैं वो। उप पंजीयक- वो मैं मार्क करके गया हूं। पत्रकार- सर जो दस्तावेज के पक्षकार सुबह को नहीं दिन को दो बजे आए हैं, जिसका दस्तावेज पंजीयन हुआ हैं जिसमें पक्षकारों के आने की मोबाइल लोकेशन भी आती हैं।
उप पंजीयक- कोई जवाब नहीं होने से बोलना बंद ओर फोन काट दिया। इनका कहना.... शुक्रवार को दस्तावेज पंजीयन हुए हैं। कितने हुए यह देखने पर ही पता चलेगा। - हनुमानराम साऊ उप पंजीयन बाबू
मैं शुक्रवार को एक बार तहसील आकर शिविर में गया हूं। बिना मार्क के पंजीयन नहीं होता हैं। - नारुलाल रैगर उप पंजीयक अधिकारी चितलवाना