जालोर

7 माह पूर्व खोले खाते, ना नम्बर दिए ना डायरी

300 उपभोक्ताओं को हो रही परेशानी

जालोरSep 14, 2018 / 11:19 am

Dharmendra Kumar Ramawat

Accounts opened 7 months ago, not given number and diary

हाड़ेचा. नेहड़ की सीमांत खेजडिय़ाली ग्राम पंचायत में ई-मित्र संचालक (वीसी संचालक) की ओर से करीब 300 उपभोक्ताओं के आरएमजीबी बैंक डूंगरी के खाते खोले गए, लेकिन सात माह से अधिक का समय बीतने के बावजूद उपभोक्ताओं को ना तो खाता नंबर दिए जा रहे हैं और ना ही बैंक डायरी। ऐसे में उपभोक्ताओं को लेन-देन समेत सरकारी योजनाओं का भी फायदा नहीं मिल पा रहा है। ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि, फसल बीमा राशि, मनरेगा व पेंशन सहित अन्य
योजनाओं से संबंधित लेन देने में उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है। हालांकि ये खाते निशुल्क खोले जाते हैं, लेकिन उपभोक्ताओं का कहना है कि खाते खोलने के लिए उनसे ५०० से १००० रुपए वसूल किए गए हैं। कई बार बैंक व ई-मित्र संचालक के चक्कर काटने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। वहीं इस मामले में सरपंच का कहना है कि उपभोक्ताओं को बैंक डायरी व खाते नम्बर नहीं देने से उन्हें पंचायतीराज सहित अन्य योजनाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। इस संंबंध में बैंक अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद सुनवाई नहीं हो रही है।
इनका कहना..
बैंक प्रशासन ने खेजडिय़ाली ग्राम पंचायत में वीसी पर खाता खुलवाने के लिए कहा था। रुपए देकर सात माह पूर्व खाता खुलवाया गया, लेकिन अब तक ना तो डायरी दी गई है और ना ही खाता नम्बर।ऐसे में कई महीनों से पेंशन भी रुकी हुई है।
– पातुदेवी, उपभोक्ता
कई माह पूर्व ई- मित्र पर वीसी के माध्यम से बैंक खाता खुलवाया था, लेकिन वीसी संचालक रुपए लेने के बाद भी खाता नम्बर व डायरी नहीं दे रहा है। ऐसे में अतिवृष्टि का अनुदान रुका हुआ है।
– जलाल मोहम्मद, उपभोक्ता, खेजडिय़ाली
सात माह पूर्व वीसी से खाता खुलवाया था, लेकिन कई चक्कर लगाने के बावजूद बैंक व वीसी संचालक की ओर से डायरी और खाता नम्बर नहीं दिए जा रहे हैं। ऐसे में आवास की राशि नहीं मिलने से परेशानी हो रही है।
– बाबूराम कोली, उपभोक्ता, खेजडिय़ाली
पंचायत मुख्यालय पर ई-मित्र संचालक बैंक की वीसी का संचालन करता है। कई उपभोक्ताओं के सात माह पूर्व खाते खोले गए थे, लेकिन डायरी व खाता नम्बर नहीं दिए जा रहे हैं। बैंक प्रशासन से भी जानकारी मांगी गई, बैंक मैनेजर सुनने को तैयार ही नहीं है। ऐसे में लोगों को आवास की राशि सहित अन्य सरकारी लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है। पंचायत के करीब ५०० से अधिक ग्रामीण इस समस्या से परेशान हैं।
– गोमतीदेवी पुरोहित, सरपंच, ग्राम पंचायत खेजडिय़ाली
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