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चिकित्सालय में घंटों बाद आती हंै मरीज के जांच की बारी

locationजालोरPublished: Sep 10, 2019 02:17:28 pm

Submitted by:

Jitesh kumar Rawal

www.patrika.com/rajasthan.news

चिकित्सालय में घंटों बाद आती हंै मरीज के जांच की बारी

चिकित्सालय में घंटों बाद आती हंै मरीज के जांच की बारी

पांच चिकित्सक देख रहे हैं 500 मरीजों की लगती लम्बी कतार, 12 चिकित्सकों के पद है स्वीकृत, चिकित्सालय में रिक्त पद मरीजों का बढ़ा रहे है दर्द

भीनमाल. यहां के राजकीय चिकित्सालय में चिकित्सकों के रिक्त पद मरीजों का दर्द बढ़ा रहे है। चिकित्सालय में 12 चिकित्सकों पद की बजाए 5 चिकित्सक ही कार्यरत है। मरीजों का चिकित्सक कक्ष तक पहुंचकर परामर्श लेना आसान नहीं है। मरीजों को चिकित्सक परामर्श कक्ष तक पहुंचने के लिए घंटों तक इंतजार करना पड़ता है।
एक-दो चिकित्सक अवकाश पर रहने पर समस्या और बढ़ जाती है। ऐसे में खासकर वृद्धजनों को चिकित्सक से परामर्श लेना किसी चुनौती से कम नहीं है। चिकित्सालय में रोजाना करीब 500 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हंै, लेकिन चिकित्सालय में महज 5 चिकित्सक ही कार्यरत है। एक-दो चिकित्सक के अवकाश पर जाने पर चिकित्सालय के परामर्श कक्ष तक पहुंचने के लिए मरीजों की कतार लग जाती है। मरीजों को भीषण गर्मी व उमस में घंटों तक पसीने से तरबत्तर होना पड़ता है। ऐसे में दमा, बुखार, पेटदर्द, उल्टी व दस्त से पीडि़त मरीजों के लिए ईलाज करवाना चुनौती बन जाता है। दरअसल, राजकीय चिकित्सालय में स्त्रीरोग विशेषज्ञ, बालरोग विशेषज्ञ, फिजीशियन व सर्जन के पद तो सालों से रिक्त है।

निजी चिकित्सालय में जाने की मजबूरी
चिकित्सालय में चिकित्सकों के रिक्त पदों के चलते मरीजों को परामर्श लेने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। घंटों बाद मरीज परामर्श कक्ष में पहुंच पाते है। ऐसे में मरीज मजबूरी में निजी चिकित्सालयों में इलाज के लिए पहुंचते है। ऐसे में मरीजों को मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा व जांच योजना का भी फायदा नहीं मिलता है।
बड़ी चुनौती बन गया
गरीब व कमजोर तबके के मरीजों को ईलाज करवाना बड़ी चुनौती बन गया है। मौसम बदलने के साथ ही मरीजों की संख्या भी कुछ बढ़ी है, लेकिन चिकित्सालय में रिक्त पद मरीजों का दर्द बढ़ा रहे है।

पद रिक्त चल रहे हैं…
चिकित्सालय में चिकित्सकों के 7 पद सालों से रिक्त है। एक-दो चिकित्सक अवकाश पर जाने पर समस्या और बढ़ जाती है। गंभीर मरीजों को समय पर परामर्श देते हैं।अन्य को पंक्तिबद्ध प्रवेश दिया जाता है।
-डॉ. एमएम जांगिड़, प्रभारी, राजकीय चिकित्सालय-भीनमाल
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