निजी चिकित्सालय में जाने की मजबूरी
चिकित्सालय में चिकित्सकों के रिक्त पदों के चलते मरीजों को परामर्श लेने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। घंटों बाद मरीज परामर्श कक्ष में पहुंच पाते है। ऐसे में मरीज मजबूरी में निजी चिकित्सालयों में इलाज के लिए पहुंचते है। ऐसे में मरीजों को मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा व जांच योजना का भी फायदा नहीं मिलता है।
बड़ी चुनौती बन गया
गरीब व कमजोर तबके के मरीजों को ईलाज करवाना बड़ी चुनौती बन गया है। मौसम बदलने के साथ ही मरीजों की संख्या भी कुछ बढ़ी है, लेकिन चिकित्सालय में रिक्त पद मरीजों का दर्द बढ़ा रहे है।
गरीब व कमजोर तबके के मरीजों को ईलाज करवाना बड़ी चुनौती बन गया है। मौसम बदलने के साथ ही मरीजों की संख्या भी कुछ बढ़ी है, लेकिन चिकित्सालय में रिक्त पद मरीजों का दर्द बढ़ा रहे है।
पद रिक्त चल रहे हैं…
चिकित्सालय में चिकित्सकों के 7 पद सालों से रिक्त है। एक-दो चिकित्सक अवकाश पर जाने पर समस्या और बढ़ जाती है। गंभीर मरीजों को समय पर परामर्श देते हैं।अन्य को पंक्तिबद्ध प्रवेश दिया जाता है।
-डॉ. एमएम जांगिड़, प्रभारी, राजकीय चिकित्सालय-भीनमाल