सुमेरसागर नाड़ी पर श्रमदान, वन्यजीवों को मिलेगा पेयजल
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ग्रामीणों ने खुदाई की तथा नाड़ी की पाल पर मिट्टी डाली
नारणावास. राजस्थान पत्रिका के अमृतं जलम् अभियान के तहत पंचायत क्षेत्र के सुमेर सागर नाड़ी में श्रमदान किया गया। मनरेगा श्रमिकों के साथ ग्रामीणों ने खुदाई की तथा नाड़ी की पाल पर मिट्टी डाली। कार्यक्रम में नारणावास के रूप सिंह राठौड़ ने कहा कि जल स्रोत कीसमय-समय पर सफाईएवं खुदाई आवश्यक है, जिससे वर्षा का शुद्ध जल इसमें जमा होगा तथा वन्यजीवों के लिए सालभर तक जल संग्रहित रहेगा। विष्णु भारती ने कहा कि जलसंकट भुगत रहे लोगों को हमेशा ही जलस्रोतों का संरक्षण करना चाहिए। जोरावर सिंह व भोलाराम देवासी ने कहा कि घने जंगल के बीच स्थित इस नाड़ी में श्रमदान करने वन्यजीवों व गांव के मवेशियों को फायदा होगा। ग्रामीणों ने बताया कि इस नाड़ी की नींव पूर्व सरपंच मनोहर कंवर के कार्यकाल में रखी थी। इसका निर्माण मनरेगा कार्य योजना में आरंभ किया गया था। आस पास कोई अन्य पेयजल स्रोतनहीं होने से इस क्षेत्र में जंगली जानवरों व मवेशियों को पानी नहीं मिलता था।इससे बारिश के बाद भी वन्यजीवों को एवं चराई के लिए आने वाले पशुओं को यहां पानी नहीं मिलता था। इस दौरान नारणावास के हीरसिंह राठौड़, मोहन लाल सरगरा, हरिया देवी, मोरकी देवी, फूलीदेवी, जमना देवी, विद्युतकर्मी महेश मीणा, चक्रवर्ती सिंह नारणावास, राजाराम देवासी आदि ने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर पारू देवी, शांति देवी, मंजू देवी, कमला देवी मौजूद थे।
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