भीमसिंह एनकाउंटर के मामले में जुटी पुलिस
जालोरPublished: Nov 01, 2017 11:21:34 am
आंध्रा पुलिस द्वारा वारदात के दौरान प्रयुक्त किए गए वाहनों को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति
सांचौर. भीमसिंह एनकाउंटर मामले में पुलिस ने सोमवार को घटना स्थल का दौरा कर प्रमुख जगहों पर छानबीन की। इधर, स्थानीय पुलिस का कहना है कि आंध्रा पुलिस के जवान जांच पूरी नहीं होने तक यहीं रहेंगे, लेकिन इस बारे में पुलिस मीडिया से भी दूरी बनाए हुए हैं। पुलिस का कहना है कि भीमसिंह की ओर से की गई 5.50 करोड़ की लूट के मामले में आंध्रा पुलिस की ओर से जांच की जा रही है। वहीं आंध्रा पुलिस की ओर से एनकाउंटर के लिए उपयोग किए गए वाहन को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस ने प्रारंभिक दौर में ही भीमसिंह द्वारा प्रयुक्त वाहन को जब्त कर लिया गया, लेकिन आंध्रा पुलिस द्वारा वारदात के दौरान प्रयुक्त किए गए वाहनों को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति है। पुलिस इस बारे में खुलकर बताने के बजाय गोपनीय तरीके से करने जांच करने में जुटी हुई है। एनकाउंटर मामले में आंध्रा पुलिस की ओर से उपयोग में लिया गया बिना नंबरी वाहन किसका था और इस वाहन को सीज करने में पुलिस की भूमिका अब तक पूरी तरह से गोपनीय है। ऐसे में पुलिस की यह कार्यवाही कई सवाल खड़े कर रही है। आंध्रा पुलिस की ओर से किए गए एनकाउंटर के दौरान पंाच किमी तक वाहन का पीछा किया गया, लेकिन पिस्टल से भीमसिंह की गाड़ी के टायर पर एक भी फायर नहीं किया गया। जबकि आंध्रा पुलिस के पास प्रशिक्षित शूटर थे। पुलिस का दावा है कि भीमसिंह ने पुलिस पर फायर किया, लेकिन ऐसे हालातों में आंध्रा पुलिस का एक भी कार्मिक घायल या चोटिल नहीं हुआ और ना ही पुलिस की गाड़ी पर गोली के कोई निशान मिले हैं। इसके अलावा वारदात के बाद फायरिंग व खोल बरामदगी को लेकर अभी तक खुलासा नहीं किया जा रहा है।
ये भी… वारदात से जुड़े अहम सवाल
– वारदात के दौरान आंध्रा पुलिस के साथ कितने वाहन थे और भीमसिंह द्वारा भरत कुमार को फोन करने के दौरान अचानक लोकेशन के आधार पर आंध्रा पुलिस आरेापी के पास कैसे पहुंची?
– वारदात के बाद मृतक भीमसिंह की गाड़ी को अस्पताल की मोर्चरी तक आंध्रा पुलिस का कार्मिक लेकर पहुंचा। इसके बावजूद स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी नहीं लग पाई थी। इसकी वजह अभी तक गले नहीं उतर रही है।
– एनकाउंटर मामले के बाद से आंध्रा पुलिस के कार्मिक कहां हैं, इसकी जानकारी अभी तक गोपनीय रखी गई है। जबकि स्थानीय पुलिस उनके क्षेत्र में होने का दावा कर रही है।