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जयंती पर राणा पूंजा के कृतित्व को किया नमन

locationजालोरPublished: Oct 06, 2019 12:09:33 pm

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जयंती पर राणा पूंजा के कृतित्व को किया नमन

जयंती पर राणा पूंजा के कृतित्व को किया नमन

जालोर. जिले भर में शनिवार को राणा पूंजा की जयंती पर कई आयोजन हुए। शहर स्थित भील समाज छात्रावास में शनिवार को राणा पूंजा जयंती पर भील समाज युवा संगठन जिलाध्यक्ष मनोहर राणा के मुख्य आतिथ्य में कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम में बींजाराम राणा ने राणा पूंजा के इतिहास के बारे में बताया। वहीं उन्होंने समाज में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने व नशाबंदी को लेकर युवाओं को संकल्प दिलाया। इस अवसर पर विक्रम राणा, धनराज राणा, गोमाराम, किशन रायथल, मदन राणा, नरपत राणा व दीपाराम समेत कई जने मौजूद थे।
सांचौर. शहर में शनिवार को राणा पूंजा की जयंती हर्षोल्लास से मनाई गई। इस दौरान भील समाज धर्मशाला में नरसिंग पढियार के मुख्य आतिथ्य में कार्यक्रम का हुआ। जयंती को लेकर शहर में भील समाज की ओर से रैली भी निकाली गई। वहीं विचार गोष्ठी का आयोजन भी हुआ। इसी प्रकार स्थानीय राव बल्लूजी राजपूत छात्रावास में महाराणा प्रताप के अनन्य साथी भील राणा पूंजा की जयंती मनाई गई। साथ ही मेवाड़ के स्वतंत्रता संग्राम में अपने जीवन को आहूत करने वाले वीर पूंजा सहित उनके सभी साथियों को नमन किया गया। महेंद्रसिंह चितलवाना ने कहा कि राणा पूंजा ने महाराणा प्रताप के साथ जान की बाजी लगा दी थी। इसलिए आज भी मेवाड़ राजघराना उन्हें महाराणा के बराबर आदर सत्कार देता है। इसी के परिणाम स्वरूप मेवाड़ के राजचिह्न पर एक तरफ महाराणा और दूसरी तरफ भील राणा पूंजा को अंकित किया जाता है। देवेंद्रसिंह विरोल ने कहा कि भील समाज एक स्वाभिमानी समाज रहा है और उसे आजादी सदैव प्रिय रही है। पूंजा जी भील ने महाराणा की जो मदद की उसके लिए मेवाड़ ही नहीं, बल्कि पूरे देश को उनका आभारी रहना चाहिए। जयंती कार्यक्रम में स्वरूपसिंह केरिया, गणपत पुरोहित हरियाली, सुरेश सुंदेशा, तेजसिंह विरोल, जीवन सिंह, दुर्जनसिंह सेवाड़ा, सेंधाराम माखुपुरा व डूंगराराम लुनियासर सहित कई जन मौजूद थे।
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