पूरे लवाजमे के साथ जगह-जगह पहुंची नगरपरिषद की टीम, भवन मालिकों ने जताया कार्रवाई का विरोध
जालोर. नगरपरिषद क्षेत्र में जगह-जगह बिना स्वीकृति, स्वीकृत प्लान के विपरीत व बिना भू-उपयोग परिवर्तन के हो रहे निर्माण कार्यों को लेकर सोमवार को आयुक्त शिकेश कांकरिया ने पूरे लवाजमे के साथ कार्रवाई की।
इस दौरान आयुक्त व उनकी टीम ने एक ही दिन में शहर में विभिन्न जगहों पर स्थित 5 बहुमंजिला इमारते सीज की। आयुक्त कांकरिया की ओर से अचानक की गई इस कार्रवाई को लेकर शहर में हड़कंप मच गया। सभी जगहों पर भवन मालिकों ने कार्रवाई का विरोध भी जताया, लेकिन आयुक्त ने किसी की नहीं सुनी। कुछ भवन मालिकों का कहना था कि आयुक्त ने गत शनिवार को ही इस बारे में नोटिस देकर जवाब मांगा था, लेकिन शनिवार व रविवार का अवकाश होने के बावजूद ये दो दिन भी
कार्य दिवस में शामिल किए गए। ऐसे में उन्हें जवाब देने का समय ही नहीं मिला।
इधर, आयुक्त कांकरिया का कहना था कि भवन मालिकों को दो दिन पहले ही नहीं, बल्कि बीते एक साल से नोटिस दिए जा रहे हैं। ऐसे में आखिरी नोटिस देने के बावजूद जवाब पेश नहीं करने पर कार्रवाई की गई है।
सीज की गई इमारतों में एक सभापति के भाई की थीशहर के वन वे रोड पर नगरपरिषद की ओर से जिन दो बहुमंजिला इमारतों को सीज किया गया है। इनमें से एक सभापति के मौसेरे भाईप्रवीणकुमार पुत्र धनाराम माली की थी। कार्रवाई के लिए जब यहां भी टीम पहुंची तो भवन मालिक ने इसका विरोध भी जताया, लेकिन आयुक्त ने नोटिस का समय पर जवाब नहीं देने के कारण इस इमारत को सीज कर दिया।
इन पांच जगहों पर कार्रवाईनगरपरिषद टीम की ओर से आयुक्त के निर्देशन में सोमवार को कुल पांच बहुमंजिला इमारतें सीज की गई हैं। आयुक्त कांकरिया ने बताया कि इनमें वन वे रोड पर प्रवीणकुमार माली, दिलीप भण्डारी, आईडीबीआई बैंक के पीछे नरपतकुमार माली, रोडवेज डिपो के पास निर्माणाधीन अस्पताल के मालिक अनिल चाण्डक व शिवाजीनगर स्थित महेंद्रकुमार राजपुरोहित की बहुमंजिला इमारतें सीज की गई।
किराएदार को भी नोटिस देना जरूरीगौरतलब है कि नगरपरिषद की ओर से अगर किसी भवन को सीज करने की कार्रवाई की जाती है और उसे भवन मालिक ने किराए पर दे रखा है तो विधिक नियमानुसार उस किराएदार को भी कार्रवाई से पहले नोटिस देना जरूरी है। वन वे रोड पर नगरपरिषद ने एक बैंक को भी सीज किया है, लेकिन बैंक मैनेजर सैयद खान का कहना है कि नगरपरिषद ने कार्रवाई से पहले बैंक प्रशासन को नोटिस तक नहीं दिया जो कानून के विपरीत है। इस तरह बिना नोटिस दिए किराए के भवन को सीज नहीं किया जा सकता।
कार्रवाई में सफाईकर्मी साथ थे कार्रवाई के दौरान करीब दो दर्जन से अधिक नगरपरिषद के महिला और पुरुष सफाईकर्मी भी साथ थे। इनके अलावा सेवानिवृत्त कार्यालय अधीक्षक मफाराम गर्ग, संविदा पर लगे जेईएन हरिश गहलोत, एसआई तेजकिरण, लिपिक गणतपराम विश्नोई, विनय विश्नोई, तामीर प्रभारी कल्पेश बालोत, हरिश दहिया, नरेन्द्र चौहान, संविदा जेईएन वरुण शर्मा, जमादार अशोक कुमार, भोपाराम, गुडिय़ा, जशोदा, रविन्द्र आर्य, बलवीर व रमेश कुमार मौजूद थे। गौरतलब है कि इस कार्रवाई से पहले अप्रेल माह में नगरपरिषद टीम ने सर्वे के बाद दर्जन भर भवन मालिकों को नोटिस देकर काम रुकवाया था।
सीज की इमारतेंभवन मालिकों को आखिरी नोटिस देने के बावजूद समय पर जवाब पेश नहीं करने के कारण शहर में सोमवार को पांच बहुमंजिला इमारतें सीज की गई हैं। बीते एक साल से इन्हें नोटिस दिए जा रहे हैं। ऐसे में कार्रवाई जरूरी थी। भविष्य में भी कार्रवाई जारी रहेगी।
– शिकेश कांकरिया, आयुक्त, नगरपरिषद जालोर
नहीं हो भेदभाव
आयुक्त की ओर से शहर में कई जगहों पर निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यह कार्रवाई गई है। जबकि उन्हें यह कार्रवाई पहले ही कर देनी थी। हालांकि जिनके भी खिलाफ कार्रवाई की गई है वह उचित है, लेकिन किसी के साथ भेदभाव ना हो यह भी
ध्यान रखा जाना चाहिए। ताकि गरीब तबके के लोग इससे परेशान ना हो।
– मिश्रीमल गहलोत, नेता प्रतिपक्ष, नगरपरिषद जालोर