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जालोर में आखिर कहां बंट रहा अन्नपूर्णा वेन का नाश्ता और खाना…पढ़ें पूरी खबर

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जालोरSep 22, 2019 / 10:59 am

Dharmendra Kumar Ramawat

शनिवार दोपहर 12.10 बजे शीतला माता मंदिर के सामने पेड़ की छांव तले गाड़ी खड़ी कर सोते कार्मिक

जालोर. शहरी क्षेत्रों में आमजन को सस्ती दर पर नाश्ता और भोजन उपलब्ध कराने के लिए गत भाजपा सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई अन्नपूर्णा रसोई योजना दम तोड़ती नजर आ रही है। जिला मुख्यालय पर भी कुछ ऐसे ही हालात हैं। शहर के चिह्नित छह स्थानों में से आधी जगहों पर ये वेन नजर ही नहीं आती। वहीं वेन के चालक लोगों को भोजन और नाश्ता उपलब्ध कराने के बजाय शहर से दूर एकांत में वेन को खड़ी कर सुस्ताते नजर आते हैं। शनिवार दोपहर करीब 12.10 बजे शहर के सिरेमंदिर रोड पर स्थित शीतला माता मंदिर के ठीक सामने यह वेन खड़ी नजर आई। वेन सड़क किनारे खड़ी कर चालक और कार्मिक यहां बरगद के पेड़ के नीचे बने चबूतरे पर सो रहे थे। आस पास से गुजर रहे लोगों ने पूछने पर बताया कि सुबह साढ़े दस बजे से यह वेन यहीं खड़ी थी और कार्मिक सुस्ता रहे थे। जबकि 9 बजे तक नाश्ता देने के बाद 11 बजे से भोजन वितरण का समय शुरू हो जाता है। ऐसे में लोगों को सस्ती दर पर नाश्ता और भोजन उपलब्ध कराने के बजाय यह वेन शहर से करीब ढाई किमी दूर खड़ी करने के पीछे क्या वजह रही होगी। यह तो भगवान ही जानता है।
नहीं होती मॉनीटरिंग
शहर में शुरू की गई छह अन्नपूर्णा रसोई वेन लोगों को नाश्ता और भोजन समय पर उपलब्ध करवा रही है या नहीं इसकी मॉनीटरिंग नगरपरिषद के जिम्मे है, लेकिन नगरपरिषद अधिकारी भी आंखें मूंदे बैठे हुए हैं। कोई भी अधिकारी इस तरह की लापरवाही को लेकर ठोस कदम नहीं उठा रहा है। जिससे लोगों को इस योजना का कोई खास फायदा नहीं मिल पा रहा है।
अब यहां नजर नहीं आती वेन
शहर में अन्नपूर्णा रसोई योजना का शुभारंभ 26 अप्रैल 2018 को किया गया था। जिसके तहत कुल 6 स्मार्ट वेन के लिए शहर में कलक्टे्रट परिसर, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र परिसर, नया बस स्टैंड, हरिदेव जोशी सर्किल, कॉलेज तिराहा और औद्योगिक क्षेत्र तृतीय चरण में जगह चिह्नित की गई थी, लेकिन मौजूदा समय में हरिदेव जोशी सर्किल, नया बस स्टैंड व कलक्ट्रेट के आस पास ये वेन नजर ही नहीं आती।
मीनू के अनुसार नहीं देते नाश्ता और भोजन
गौरतलब है कि शहर में संचालित स्मार्ट रसोई वेन के जरिए लोगों को सुबह के नाश्ते में इडली-सांभर, पोहे, कड़ी कचोरी, सिवइयां, लापसी और खीचड़ी देने का मीनू तय है। वहीं दोपहर और रात के खाने में रोटी, हरी सब्जी, कड़ी, दाल-चावल, गेहूं का चूनमा, दाल-ढोकली, कड़ी-ढोकली, चावल-मक्की का नमकीन खीचड़ा व रोटी का उपमा समेत अन्य सामग्री देने का नियम है। इसमें नाश्ते की मात्रा 350 ग्राम, जबकि भोजन की 450 ग्राम तय है। इसके बावजूद रसोई वेन के जरिए मीनू अनुसार ना तो नाश्ता दिया जा रहा है और ना ही भोजन।

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