गलतियों से भी नहीं ले रहे सबक, भारी पड़ रहे अपराधी
जालोरPublished: Jan 17, 2021 10:03:08 am
अपराधियों का दुस्साहस इस कदर बढ़ चुका है कि वे बेखौफ अब खाकी पर भारी पड़ रहे हैं। तीन दिन पूर्व एसओजी टीम द्वारा शिव से बाड़मेर लाए जा रहे तस्कर को हथियारबंद अपराधियों द्वारा छुड़ा ले जाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था, उससे पहले बदमाशों का दुस्साहस भीनमाल जेल में शुक्रवार देर रात को देखने को मिला।
Bhinmal, Jalore and Sanchore jail
फैक्ट फाइल
– 03 कारागार जालोर, भीनमाल और सांचौर में
– 76 बंदी अभी जालोर जेल में है बंद
– 65 बंदी है अभी भीनमाल जेल में बंद
– 40 बंदी है सांचौर में अभी बंद
खुशालसिंह भाटी.जालोर. अपराधियों का दुस्साहस इस कदर बढ़ चुका है कि वे बेखौफ अब खाकी पर भारी पड़ रहे हैं। तीन दिन पूर्व एसओजी टीम द्वारा शिव से बाड़मेर लाए जा रहे तस्कर को हथियारबंद अपराधियों द्वारा छुड़ा ले जाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था, उससे पहले बदमाशों का दुस्साहस भीनमाल जेल में शुक्रवार देर रात को देखने को मिला। यहां पर फायरिंग की घटना भी हुई है और कहीं न कहीं इस घटनाक्रम को भी अपराधी को छुड़ाने की मंशा से अंजाम दिया गया है। ऐसा माना जा रहा है। हालांकि घटनाक्रम में संतरी द्वारा फायरिंग के दौरान एक अपराधी के घायल हो जाने से वे मौके से फरार हो गए, लेकिन कहीं न कहीं सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान जरुर खड़ा हो गया है।
ये है जालोर जेल की स्थिति
जालोर में वर्ष 2011 की वारदात के बाद कुछ समय के लिए बॉर्डर होमगार्ड लगाए गए थे, लेकिन अब आरएसी जवान तैनात रहते हैं। सुरक्षा के लिए 25 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और यहां पर एक और चार का जाब्ता तैनात रहता है। अभी जालोर जेल में गंभीर मामलों में विचाराधीन आरोपी बंद नहीं है। वहीं इमरजेंसी रोशनी के लिए कोई प्रबंध नहीं है।
भीनमाल जेल पर बेपरवाही
सीधे तौर पर यह घटनाक्रम जेल पर हमला ही था। जेल में 65 आरोपी अभी बंद है। सीधे तौर पर घटनाक्रम केगंभीर परिणाम भी संभावित थे। यहां बड़े स्तर पर खामियां नजर आ रही है। इमरजेंसी रोशनी का प्रबंध नहीं था। जिसको आधार बनाकर साजिश के तहत आरोपी वारदात को अंजाम देने वाले थे। रोशनी के प्रबंध के अभाव में 16 कैमरे भी नाकारा साबित हो गए। वहीं यहां जाब्ता भी हालातों को देखते हुए पर्याप्त नहीं माना जा सकता। यहां एनडीपीएस, लूट, नकल, हत्या समेत अन्य गंभीर मामलों के विचारधीन बंदी बंद है।
सांचौर की जेल में पुख्ता बंदोबस्त की जरुरत
जिले में सबसे ज्यादा संवेदनशील सांचौर कारागार माना जाता है। सीधे तौर पर यहां पुख्ता बंदोबस्त की जरुरत है, क्योंकि यहां मुख्य रूप से हत्या, बलात्कार, नकल और एनडीपीएस एक्ट से जुड़े गंभीर प्रकरणों में विचाराधीन आरोपी बंद है और इनका आपराधिक रिकॉर्ड भी चिंता का विषय है। इसके बाद भी यहां हालात विकट है, 8 का जाब्ता है और अक्सर स्टाफ अवकाश होने पर सुरक्षा व्यवस्था दांव पर होती है। वहीं यहां बॉर्डर होमगार्ड या आरएसी की तैनातगी भी नहीं है। कैमरे तक यहां नहीं लगे हुए हैं और इमरजेंसी रोशनी के प्रबंध भी नहीं है।
ये कमियां दिखा रही आइना
जालोर से फरार हुए थे 14 बंदी
जेल की सुरक्षा व्यवस्था सेंधमारी की कई घटनाएं जालोर में हो चुकी है। सबसे चर्चित दिसंबर 2011 को घटित घटनाक्रम है। यहां तैनाम जाब्त को झांसा देकर बंदियों से ऊपरी स्तर की सुरक्षा जाली को काट दिया था और 14 बंदी यहां से फरार हो गए थे। इनमें 5 बंदी गंभीर मामलों में विचाराधीन खुंखार आरोपी थे। जालोर में अभी 76 बंदी बंद है।
सांचौर जेल से फरार हुए थे आरोपी
बैक हिस्ट्री की बात करें तो यहां पांड्या और गोपिया जैसे शातिर बंद रह चुके हैं और इसी के चलते यहां पर बदमाशों ने फायरिंग करने के साथ उन्हें जेल से छुड़ाया भी था। शातिर आरोपी गोपिया कई मामलों में वांछित था और इस दर यान वर्ष 2013 में किसी अन्य प्रकरण में सुनवाई को लेकर उसे सांचौर न्यायालय में पेशी के लिए सांचौर लेकर आए और उसे सांचौर के उप कारागार में बंद किया था। इस दौरान जेल में बंद कु यात अपराधी पंड्या के साथ अक्टूबर 2013 में सांचौर उपकारागार से जेल तोड़ फरार हो गया था। फायरिंग में गार्ड घायल हो गया था।