जालोर

हादसों के बावजूद सबक नहीं ले रहा निर्माण विभाग

नारणावास जाने वाले मार्ग की पटरी खत्म हो जाने से लोग जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं, लेकिन सार्वजनिक निर्माण विभाग सबक नहीं ले रहा, जिससे लोगों को जान-माल का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

जालोरNov 14, 2018 / 04:46 pm

Jitesh kumar Rawal

हादसों के बावजूद सबक नहीं ले रहा निर्माण विभाग

बागरा. नारणावास जाने वाले मार्ग की पटरी खत्म हो जाने से लोग जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं, लेकिन सार्वजनिक निर्माण विभाग सबक नहीं ले रहा। न तो इस मार्ग ेकी मरम्मत हो रही है और न ही पटरी निर्माण कर रहे हैं। पटरी पर चढऩे के चक्कर में आए दिन हादसे हो रहे हैं, जिससे लोगों को जान-माल का नुकसान उठाना पड़ रहा है। मंगलवार को ही इस मार्ग पर एक मोपेड चालक युवक फिसल गया। हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हुआ। आए दिन हो रहे इन हादसों से ग्रामीणों में सार्वजनिक निर्माण विभाग की कार्यशैली पर रोष जताया। ग्रामीणों ने बताया कि बागरा से नारणावास आते समय सामने से कोई वाहन आने से मोपड सवार नारणावास निवासी भीखाराम पुत्र मादाराम भील ने अपना वाहन नीचे उतारने का प्रयास किया, लेकिन पटरी नदारद होने से संतुलन बिगड़ गया। गिरने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया। लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया।
मूकदर्शक बना विभाग
ग्रामीणों ने बताया कि इस तरह के हादसे कई बार हो चुके हैं। इस मार्ग पर दुपहिया वाहन चालकों की जान सांसत में रहती है। आए दिन हादसे हो रहे हैं जिसमें कई लोग जान गंवा चुके हैं। कई लोग अंग खो चुके हैं, लेकिन विभाग मूकदर्शक ही बना हुआ है।
पटरी के निशान तक नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि मार्ग की पटरी का निशान तक नहीं है। सड़क की चौड़ाई कम होने के कारण सामने से वाहन आने पर मजबूरी में नीचे उतारना पड़ता है। वापस चढ़ते समय हादसे का शिकार हो जाते हैं। इस मार्ग की पटरी बनाने को लेकर कई बार सार्वजनिक निर्माण विभाग को अवगत करवाया, लेकिन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा।
हरपल हादसे का अंदेशा
ग्रामीणों ने बताया कि बागरा से नारणावास जाते समय वगता नाडी के किनारे खतरा बना रहता है। किनारे पर सड़क में काफी कटाव है तथा खड्डे होने से हरपल हादसे का अंदेशा बना रहता है। रात को लोग इस मार्ग से होकर गुजरने से भी डरते हंै। मार्ग की पटरी तो खराब है ही कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे भी बने हुए हैं, लेकिन मरम्मत नहीं हो रही। सड़क पर फैली झाडिय़ां भी दुखदायी बन रही है।
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