जालोर में नई आबकारी नीति के विरोध में ठेकेदारों ने यह दे डाली चेतावनी
जालोरPublished: Feb 19, 2020 10:04:16 am
– ठेकेदारों का आरोप नई नीति में उनके हितों को किया गया दरकिनार, जिससे ठेकों के संचालन में होगी काफी ज्यादा परेशानी
– ठेकेदारों का आरोप नई नीति में उनके हितों को किया गया दरकिनार, जिससे ठेकों के संचालन में होगी काफी ज्यादा परेशानी
जालोर. जिले के शराब ठेकेदारों ने आबकारी बंदोबस्त के तहत आबकारी नीति 2020-21 का विरोध जताते हुए इसमें कई कमियों को लेकर जिला आबकारी अधिकारी और कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इससे पूर्व शराब ठेकेदारों ने कलक्ट्रेट के बाहर नारेबाजी करते हुए ठेकेदारों के हित में नीतिसंगत संशोधन करने की मांग की। ज्ञापन में बताया गया है कि नई नीति में शराब विक्रेताओं के हितों की तरफ कम ध्यान दिया गया है, जिससे उन्हें इस वर्ष में ठेकों के संचालन में काफी परेशानी होगी। ज्ञापन में बताया गया है कि इसमें जो नियम कायदे है, वे हालातों के अनुरूप नहीं है। जालोर जिले के सभी ठेकेदारों ने पॉलिसी का बहिष्कार किया। ज्ञापन में चेताया गया कि ठेकेदारों की नीतिगत मांगों पर अमल नहीं किया गया तो विरोध को विस्तृत रूप दिया जाएगा। राजस्थान शराब ठेकेदार संघ कोई फार्म नहीं भरेंगे। इस दौरान मांगूसिंह, गोविंदसिंह, दीपेश सिद्धावत, अशोक माली, कालूसिंह, रमेश कुमार, इलियास खां, रमजान खां, प्रदीप मामली, श्रवणसिंह, विक्रमसिंह टेकरा, विजय मेवाड़ा, रणजीतसिंह, रमजान खां, छैलसिंह, हरिसिंह, सुरूज मेवाड़ा, महेंद्रसिंह, अमरसिंह, अनोपसिंह, अशोक कुमार समेत जिलेभर से शराब की दुकान के संचालक मौजूद रहे।
इन नीतियों का कर रहे विरोध
सरकार के नाम सौंपे गए ज्ञापन में देशी व कंपोजिट दुकानों में आरएलएम 25 यूपी की 30 प्रतिशत गारंटी को खत्म करके स्वेच्छा से करने, देशी मदिरा में एमआरपी को खत्म करके गारंटी कम करने, शराब की दुकानों पर सिविल पुलिस का हस्तक्षेप खत्म करने, 58सी का प्रावधान यथावत रखने, शराब की दुकान खुलने का समय सवेरे 8 बजे से रात 10 बजे तक करने, देशी शराब की परमिट फीस 100 रुपए रखने, देशी शराब की दुकान सत्र 2020-21 के आधार पर 15 प्रतिशत के अधार पर देशी दुकानों की गारंटी बनाने की मांग की गई। साथ की बताया गया है कि वर्तमान नीत त्रुटियुक्त है।.