आहोर. ऑनलाइन ठगी के मामले दिनोंदिन बढ़ रहे हैं। अभी तक अन्य जगहों से ही ऐसे समाचार मिल रहे थे, लेकिन अब आहोर में भी इस तरह का गैंग सक्रिय दिख रहा है। पिछले कुछ दिनों में ही यहां कई लोग इसका शिकार हो चुके हैं। कस्बे में कार्यरत एक चिकित्सक की व्हाट्स एप आइडी से आए मैसेज के आधार पर तीन जने ठगी का शिकार हो गए। अन्य कुछ लोगों को भी इस तरह के मैसेज मिल चुके हैं, लेकिन इन तीन जनों ने तो पांच-पांच हजार रुपए राशि बैंक खाते में जमा भी करवा दी। बाद में पता चला कि फेक आइडी के जरिए उन लोगों को झांसा दिया गया है।
जानकारी के अनुसार सोशल मीडिया फेसबुक, वाट्स एप को माध्यम बनाकर लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया जा रहा है। पिछले दो दिन से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में कार्यरत डॉ.पूरणमल मुणोत की फोटो लगी फेक व्हाट्स एप आइडी से उनके मिलने वाले कई व्यक्तियों को हैकर्स की ओर मैसेज भेजे जा रहे हंै। जिसमें बताया जा रहा है मैं बाहर हूं तथा मुझे रुपए की जरूरत है। प्लीज मेरे इस खाते में इतनी राशि जमा करवाने की कृपा करावे, मैं वापस आते ही राशि लौटा दूंगा। डॉ.मुणोत के मिलने वालों में से तीन व्यक्तियों ने मैसेज देखते ही हैकर्स की ओर से बताए गए बैंक खाते में पांच-पांच हजार की राशि जमा करवा दी।
चिकित्सक को वायरल करना पड़ा वीडियो
इसी तरह से शुक्रवार को भी लोगों के पास ऐसे मैसेज आए। इस पर कुछ लोगों ने बैंक खाते में सीधे रुपए जमा नहीं करवाकर सबसे पहले चिकित्सक से बात की। तब चिकित्सक को इस मामले की जानकारी मिली। इस पर उन्होंने खुद का वीडियो वायरल कर लोगों को इस प्रकार की ठगी से सावधान व सचेत रहने की आग्रह किया। वहीं उन्होंंने साइबर क्राइम शाखा में शिकायत भी दर्ज करवाई है।
कई दिनों से चल रही है ठगी
कस्बे में कुछ दिनों पूर्व एक युवा भी इस प्रकार की ठगी का शिकार हो रहा था, लेकिन किसी तरह बच गया। हुआ यूं कि कस्बे के एक विद्यार्थी के फेसबुक मैसेेंजर पर उसके एक मित्र की फोटो लगी आइडी से मैसेज आया कि उसका कोई रिश्तेदार अस्पताल में भर्ती है तथा उसे रुपए की जरूरत है। जिस पर युवा ने जागरूकता दिखाई तथा तत्काल ही अपने उसी मित्र को फोन मिलाया। इस पर मामला खुल गया कि उसने ऐसा कोई मैसेज नहीं भेजा तथा उसे पैसों की भी जरूरत नहीं है। इस तरह के मामले दर्शाते हैं कि कस्बे में इस तरह की ठगी के मामले कई दिनों से चल रहे हैं।
कस्बे में कुछ दिनों पूर्व एक युवा भी इस प्रकार की ठगी का शिकार हो रहा था, लेकिन किसी तरह बच गया। हुआ यूं कि कस्बे के एक विद्यार्थी के फेसबुक मैसेेंजर पर उसके एक मित्र की फोटो लगी आइडी से मैसेज आया कि उसका कोई रिश्तेदार अस्पताल में भर्ती है तथा उसे रुपए की जरूरत है। जिस पर युवा ने जागरूकता दिखाई तथा तत्काल ही अपने उसी मित्र को फोन मिलाया। इस पर मामला खुल गया कि उसने ऐसा कोई मैसेज नहीं भेजा तथा उसे पैसों की भी जरूरत नहीं है। इस तरह के मामले दर्शाते हैं कि कस्बे में इस तरह की ठगी के मामले कई दिनों से चल रहे हैं।
परिचितों को ही भेजते हंै मैसेज
सोशल मीडिया से ऑनलाइन ठगी करने वाले हैकर्स परिचितों, रिश्तेदारों व दोस्तों को ही ऐसे मैसेज करते हैं, जिससे यह ठग स्थानीय होने की भी संभावना है। साथ ही ठग ऐसे लोगों को ही शिकार बनाते हैं जो कोई जाना-पहचाना हो तथा उस नंबर से मैसेज भी ऐसे लोगों को ही करते हैं जो उनके रिश्तेदार या फिर दोस्त हो। ऐसे में उनके पास यह पूरी जानकारी रहती है।
सोशल मीडिया से ऑनलाइन ठगी करने वाले हैकर्स परिचितों, रिश्तेदारों व दोस्तों को ही ऐसे मैसेज करते हैं, जिससे यह ठग स्थानीय होने की भी संभावना है। साथ ही ठग ऐसे लोगों को ही शिकार बनाते हैं जो कोई जाना-पहचाना हो तथा उस नंबर से मैसेज भी ऐसे लोगों को ही करते हैं जो उनके रिश्तेदार या फिर दोस्त हो। ऐसे में उनके पास यह पूरी जानकारी रहती है।
ज्यादा सावचेत रहने की जरूरत
इस तरह के मामलों के बाद अब सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि उनके किसी भी परिचित व्यक्ति के नाम से सोशल मीडिया पर मैसेज आ सकते हैं। सोशल मीडिया का उपयोग करने वालों को ज्यादा सावधानी की जरूरत है। जिलेभर में ऐसे सोशल साइबर ठग सक्रिय हो चुके हैं, जो फेसबुक, व्हाट्स एप को माध्यम बनाकर आपके साथ कभी भी ठगी की वारदात को अंजाम दे सकते हैं। साइबर ठग आपके किसी जान पहचान वाले या रिश्तेदारों की फेसबुक आईडी या व्हाट्स एप आइडी बनाकर मैसेज कर सकते हैं। जिला पुलिस भी इस तरह के मामलों में सावधान व सुरक्षित रहने की अपील जारी कर चुकी है।
सतर्क रहे आमजन …
हेकर्स की ओर से फेक व्हाट्स एप से लोगों को मैसेज भेजकर ठगी करने के मामले की जानकारी मिली है। चिकित्सक ने कॉल कर इसकी जानकारी दी थी। चिकित्सक ने साइबर क्राइम जयपुर में भी शिकायत दर्ज करवाई है। अभी चिकित्सक बाहर हैं तथा उनके आने पर मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। वैसे ऐसे मामलों को लेकर आमजन को जागरूक व सतर्क रहने की जरूरत है।
– घेवरसिंह, थाना प्रभारी, आहोर