scriptढब्बावाली माता प्रतिष्ठा : 9 कुंड और 35 जोड़ों ने आहुति देकर बने महोत्सव के साक्षी | Dabbawali Mata's Pran Pratishtha Mahotsav | Patrika News
जालोर

ढब्बावाली माता प्रतिष्ठा : 9 कुंड और 35 जोड़ों ने आहुति देकर बने महोत्सव के साक्षी

खासरवी में श्री ढब्बा वाली माताजी मंदिर की मूर्ति स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत बुधवार सुबह को शुभ मुहूर्त में पुरंदर व्यास के निर्देशन में यज्ञ का शुभारंभ हुआ, जिसमें स्थापित देवताओं का पूजन, राजोप्सार पूजन, शतचंडी हवन एवं शान्तिक पोष्टिक हवन, मूर्तियों को जलाधि वास, घृताधिवास, साथ ही पुष्पाधिवास किया गया व शाम को उत्तर पूजन किया गया।

जालोरMay 04, 2022 / 10:38 pm

Khushal Singh Bati

Jalore

प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में प्रस्तुति देती कलाकार और मौजूद महिलाएं।

हाड़ेचा. ढब्बा वाली माताजी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत दूसरे दिन भजन संध्या व तीसरे दिन विभिन्न धार्मिकों का आयोजन हुआ। खासरवी में श्री ढब्बा वाली माताजी मंदिर की मूर्ति स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत बुधवार सुबह को शुभ मुहूर्त में पुरंदर व्यास के निर्देशन में यज्ञ का शुभारंभ हुआ, जिसमें स्थापित देवताओं का पूजन, राजोप्सार पूजन, शतचंडी हवन एवं शान्तिक पोष्टिक हवन, मूर्तियों को जलाधि वास, घृताधिवास, साथ ही पुष्पाधिवास किया गया व शाम को उत्तर पूजन किया गया। बुधवार को हवन में नौ कुंडो पर 35 जोड़े यजमान बैठे। इधर, सांस्कृतिक संध्या के साथ साथ प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में चढ़ावे लेने वाले भामाशाहों का आयोजन कमेटी के द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।


भक्ति संध्या में लगे जयकारे

भक्ति कार्यक्रम में सन्तोष पुरी महाराज होथीगांव, कैलाश पुरी हाड़ेचा, हंस गिरी रतौड़ा, भरत नाथ कमालपुर समेत अन्य संतों का सान्निध्य रहा। गायक नीता नायक के द्वारा गणपति वंदना व माता जी पधारो म्हारे प्रदेश के साथ ठुमक ठुमक ने चाल भवानी…, सतयुग आया पावणा…, म्हारा सू मत करजे भवानी रूठना…, भैरूजी लटियाला की प्रस्तुतियां दी गई। भक्ति संध्या में पवन कुमार चंदन, भगवानाराम डारा,भागीरथ राम ढाका, जोरङ्क्षसह सोलंकी, राम ङ्क्षसह, मसरा राम, भंवर ङ्क्षसह, मफाराम चौधरी, मोहन ङ्क्षसह, जालम ङ्क्षसह सोढा, बलवंत ङ्क्षसह मौजूद रहे।

आज ये होंगे कार्यक्रम

प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के चतुर्थ दिन स्थापित देवताओं का पूजन, हवन व हवनात्मक शतचंडी, ग्रहादिहोम, फलाधिवास, वस्त्राधिवास, स्नपन महा स्नान, नेत्रोंमिलन संस्कार, शिखराभिषेक, प्रसाद वास्तु एवं शाम को उत्तर पूजन, शय्याधिवास एवं आरती का कार्यक्रम होगा।
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