जालोर

पट्टे जारी होने के बाद जांच टीम पहुंची तो रजिस्टर में रही कमियां करने लगे पूरी

www.patrika.com/rajasthan-news

जालोरJul 11, 2019 / 11:02 am

Dharmendra Kumar Ramawat

जालोर. नगर परिषद स्थित आयुक्त के चैम्बर में रिकॉर्ड की जांच करती टीम।

जालोर. नगरपरिषद की विभिन्न शाखाओं से जारी पट्टों और एनओसी में फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद शासन सचिव के आदेश पर जालोर नगरपरिषद पहुंची डीडीआर जोधपुर की टीम ने दूसरे दिन भी रिकॉर्ड खंगाले। टीम के अधिकारियों ने कृषि, नियमन, भूमि व राजस्व शाखा के संबंधित लिपिकों से सूचीबद्ध पत्रावलियां कब्जे में ली। वहीं कुछ पत्रावलियां अभी भी टीम को नहीं मिल पाई है।जिस पर संबंधित शाखा के लिपिकों से इसका जवाब मांगा गया है। इधर, बुधवार को नगरपरिषद में मौजूद उपसभापति मंजू सोलंकी जब सभापति के कक्ष में पहुंची तो वहां कुछ शाखा के लिपिक पट्टा रजिस्टर में रही कमियों को पूरा कर रहे थे। इस पर सोलंकी ने आपत्ति जताते हुए डीडीआर जोधपुर से दूरभाष पर इसकी शिकायत की। साथ ही जालोर पहुंची टीम को रजिस्टर कब्जे में लेने की बात कही। इसके बाद डीडीआर के निर्देश पर टीम ने समस्त रिकॉर्ड कब्जे में लिया। सोलंकी का कहना था कि पट्टा रजिस्टर में नक्शे बनवाने के साथ गवाह के नाम और अन्य कमियां भरकर पूरी की जा रही थी।
माथुर भी पहुंचे जालोर
नगरपरिषद में चल रही जांच के दूसरे दिन उपनिदेशक क्षेत्रीय स्थानीय निकास विभाग जोधपुर के सहायक लेखाधिकारी द्वितीय नीरज माथुर भी पहुंचे। वहीं सहायक कार्यालय अधीक्षक महेंद्र सोनी, सिरोही नगरपरिषद के सहायक अभियंता योगेश कुमावत, फालना नगरपालिका के कनिष्ट लेखाकार विक्रम गत मंगलवार को ही पहुंच गए थे।
इसलिए की शिकायत
नगरपरिषद उपसभापति का कहना है कि नगरपरिषद क्षेत्र में नहरी व डूब क्षेत्र, सरकारी व परिषद की जमीन सहित बेसहारा गोवंश के लिए संरक्षित जमीन को बचाने के लिए उन्होंने शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन से 4 अप्रैल 2018 को शिकायत की थी। जिसमें बताया गया कि तत्कालीन आयुक्त शिकेश कांकरिया के कार्यकाल में जनवरी 2018 से जून 2019 तक स्टेट ग्रांट एक्ट, कृषि भूमि, खांचा भूमि व नियमन से संबंधित कई पट्टे जारी किए गए थे। इनमें से अधिकतर मामलों में पत्रावली की कमियां पूरी किए बिना ही नियमविरुद्ध पट्टे दे दिए गए। वहीं जिस आवासीय कॉलोनी का सो मोटो किया, उसकी फाइल भी गायब है। इसके अलावा परिषद में करीब चार दर्जन से अधिक फाइलों का अता-पता नहीं है।
लिपिकों से मांगा है जवाब…
इधर, जांच के लिए पहुंची टीम को 1 जनवरी 2018 से जून 2019 तक की कृषि, भूमि, नियमन, स्टेट ग्रांट व राजस्व शाखा की फाइलें उपलब्ध कराने के लिए संबंधित लिपिक जद्दोजहद में लगे हुए हैं, लेकिन अधिकतर शाखाओं में इस अवधि की काफी फाइलें गायब हैं। ऐसे में आयुक्त ने संबंधित लिपिक से फाइलें पेश करने के निर्देश दिए हैं।
किसी ने लिखित में नहीं दिया…
किसी भी शाखा के लिपिक ने तत्कालीन आयुक्त कांकरिया के पास फाइल होने के बारे में अभी तक लिखित में जानकारी नहीं दी है।संबंधित लिपिक को पत्रावली पेश के निर्देश दिए गए हैं। वहीं जांच टीम को संबंधित अवधि का सारा रिकॉर्ड उपलब्ध करवा दिया गया है।पट्टा रजिस्टर में रही कमियों को लिपिकों की ओर से पूरा करने का मामला मेरी जानकारी में नहीं है।
– महिपालसिंह, आयुक्त, नगरपरिषद जालोर
कर रहे थे फर्जीवाड़ा…
सभापति कक्ष में बुधवार दोपहर करीब १२.५५ बजे जाने पर देखा तो परिषद के कुछ लिपिक पट्टा रजिस्टर में रही नक्शे व गवाहों के नाम सहित विभिन्न कमियां भर रहे थे। इसके बाद मैंने टीम के अधिकारियों को रिकॉर्ड कब्जे में लेने के बारे में अवगत कराया, लेकिन उन्होंने यह काम उनका नहीं होने की बात कहकर टाल दिया। बाद में आयुक्त को कहने पर उन्होंने लिपिकों से रिकॉर्ड कब्जे में लिया। जांच संतोषपूर्ण नहीं होने पर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
– मंजू सोलंकी, उपसभापति, नगरपरिषद जालोर
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.