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गहराने लगा पेयजल संकट, घरों में कनेक्शन से वंचित रोडला

locationजालोरPublished: Mar 26, 2022 09:04:10 pm

Submitted by:

Khushal Singh Bati

– समस्या का नहीं हो रहा है समाधान- बूंद-बूंद के लिए तरस रहे है ग्रामीण

गहराने लगा पेयजल संकट, घरों में कनेक्शन से वंचित रोडला

गहराने लगा पेयजल संकट, घरों में कनेक्शन से वंचित रोडला

आहोर. क्षेत्र के रोडला में गर्मी की सीजन शुरू होते ही पेयजल संकट भी गहराने लगा है। यहां नर्मदा नीर की चार-पांच दिनों से जलापूर्ति नहीं होने से पेयजल की समस्या बनीं हुई है। लेकिन इस ओर से संबंधित विभाग की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। दरअसल, क्षेत्र के कई गांवों में गर्मी की शुरुआत होने के साथ ही पेयजल संकट की समस्या भी शुरू हो गई है। जिससे ग्रामीणों को पेयजल समस्या का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के रोडला में भी कुछ दिनों से नर्मदा नीर की आपूर्ति ठप पड़ी है। पूर्व में गांव में नर्मदा नीर की आपूर्ति लगातार नियमित रूप से हो रही थी। लेकिन इन दिनों गर्मी की शुरुआत होने के साथ ही अब पेयजल संकट गहराना भी प्रारंभ हो गया है। जलापूर्ति कई दिनों से ठप होने से ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है। क्षेत्र का रोडला ग्राम कहने को तो यहां ग्राम पंचायत मुख्यालय है। लेकिन अभी भी यह गांव घर-घर नल कनेक्शन से वंचित हैं। यहां के ग्रामीणों को एक उम्मीद सी जगी थी कि अब यहां नर्मदा नीर पहुंचा है तो जल्द घर-घर नल कनेक्शन का सपना साकार होगा। लेकिन हालात इस तरह बनने लगे हैं कि यहां घर-घर नल कनेक्शन तो दूर की बात है करीब बीस-पच्चीस घरों के बीच दिया गया नर्मदा पीएचपी प्वाइंट पर भी समय पर पानी उपलब्ध नहीं होता है। ग्रामीणों ने गांव की बेशकीमती जमीन पेचका की नर्मदा नीर पेयजल आपूर्ति के लिए सुपुर्द कर दी। यहां से आस-पास के ग्राम भूती व कंवला में सप्लाई हो रही है। लेकिन रोडला अभी भी घर-घर कनेक्शन को मोहताज नजर आ रहा है। जबकि ग्राम पंचायत रोडला का ही गुड़ा इन्द्रपुरा में घर-घर नल कनेक्शन है। जबकि आबादी, क्षेत्रफल सहित विभिन्न मापदंडों में बड़ा होने पर भी रोडला आज भी पानी को तरस रहा है।
पेयजल आपूर्ति ही सहारा

रोडला गांव में खारा पानी पीने की मजबूरी सी है। यहां नर्मदा नीर की आपूर्ति समय पर नहीं होने से ग्रामीणों को गांव के सार्वजनिक पेचका मुख्य पनघट से खारा पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों को नर्मदा नीर के अलावा मीठे पेयजल के लिए बसंत, पावा, कोसेलाव से किराए पर टैंकर से जलापूर्ति करवानी पड़ती है।
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