scriptजालोर में पिछले पांच दिन से पेयजल सप्लाई बाधित, समस्या का कारण दूसरा विभाग | Drinking water supply disrupted in Jalore for the last five days, the | Patrika News

जालोर में पिछले पांच दिन से पेयजल सप्लाई बाधित, समस्या का कारण दूसरा विभाग

locationजालोरPublished: Jul 05, 2022 09:33:10 pm

Submitted by:

Khushal Singh Bati

– पिछले कई दिनों से हो रही है पेयजल आपूर्ति के स्रोतों में बिजली कटौती, जिससे प्रभावित हुई जलापूर्ति

 - पिछले कई दिनों से हो रही है पेयजल आपूर्ति के स्रोतों में बिजली कटौती, जिससे प्रभावित हुई जलापूर्ति

– पिछले कई दिनों से हो रही है पेयजल आपूर्ति के स्रोतों में बिजली कटौती, जिससे प्रभावित हुई जलापूर्ति

फैक्ट फाइल
– 50 लाख लीटर पानी मिलता है नर्मदा परियोजना से
– 30 लाख लीटर के करीब पानी ट्यूबवैल से मिलता है
– 144 किमी पाइप लाइन से जालोर तक पहुंचता है पानी
– 48 घंटे में पेयजल आपूर्ति का था शैड्यूल
– 72 से 96 घंटे में हो रही आपूर्ति
जालोर. पर्याप्त जलापूर्ति के दावों के विपरीत शहरी पेयजल आपूर्ति इस कदर प्रभावित हो चुकी है कि हर घर में टैंकरों से पानी मंगवाना पड़ रहा है। यह सिलसिला करीब चार दिन से जारी है और गर्मी के इस मौसम में लोगों की परेशानी बढ़ी है। हालात यह है कि वर्तमान में मांग से लगभग 50 से 70 प्रतिशत पानी ही विभाग के पास प्रतिदिन पानी की सप्लाई के लिए मौजूद रहता है। इस समस्या का सबसे प्रमुख कारण नर्मदा परियोजना के फीडर पर लगातार बिजली कटौती है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि हालांकि नर्मदा के तैतरोल फीडर पर बिजली कटौती नहीं की जानी है, लेकिन उसके बावजूद लोड सेटिंग के नाम पर प्रतिदिन कटौती की जा रही है। जबकि दो दिन पूर्व मौसम में बदलाव के दौरान भी कई घंटों की बिजली कटौती हुई। जिसका असर यह हुआ कि तैतरोल फिल्टर प्लांट से बागोड़ा पंपिंग स्टेशन के लिए पानी की पंपिंग नहीं हो पाई। इस स्थिति में शहर में पेयजल आपूर्ति का शैड्यूल भी पूरी तरह से बदल चुका है। विभाग का कहना है कि 48 घंटे में एक बार आपूर्ति पूर्व में हो रही थी, लेकिन बिजली कटौती से अभी 96 घंटे में एक बार आपूर्ति हो रही है। जबकि शहर में हालात इससे भी विकट है और अधिकतर गली मोहल्लों में पानी के लिए इंतजार 108 घंटे तक पहुंच गया है।
यह आपूर्ति भी प्रभावित
नर्मदा परियोजना ही नहीं जालोर से 35 किमी दूरी पर स्थित कुआबेर में भी प्रतिदिन 5 से 6 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है। कुआबेर में 10 ट्यूबवैल है और यहां से जालोर शहर को प्रतिदिन 25 लाख लीटर तक पानी मुहैया हो रहा था, लेकिन अभी यहां पर भी पानी का प्रोडक्शन प्रभावित हुआ है।
दावा खोखला: हकीकत आपके सामने
जल स्त्रोतों पर स्थित जीएसएस पर बिजली कटौती नहीं की जानी है, लेकिन जालोर में इन निर्देशों पर डिस्कॉम ध्यान नहीं दे रहा। मंगलवार की बात करें तो तैतरोल में सवेरे 4 बजे से लेकर 10 बजे तक अघोषित बिजली कटौती का सिलसिला जारी रहा। यही हालात कुआबेर पर भी रहे। तैतरोल में बिजली कटौती के चलते पानी की पंपिंग नहीं हो पाई।
जिला मुख्यालय पर ही विकट हालात
जिला मुख्यालय पर ही इस जल संकट की स्थिति में लोगों को टैंकरों से पानी मंगवाना पड़ रहा है। पानी की डिमांड इस कदर बढ़ी है कि टैंकर से पानी मंगवाने पर भी लोगों को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रह है।
यह था निर्देश, लेकिन कागजी
नर्मदा परियोजना की क्रियान्विति के साथ जालोर में 132 लीटर प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति के अनुसार पानी की आपूर्ति की जानी थी। नियमानुसार 100 लीटर प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति के अनुसार सप्लाई होनी चाहिए। लेकिन अभी पानी की मात्रा कम मिल रही है और उसके लिए भी इंतजार बढ़ गया है। सूत्रों के अनुसार अभी 80 से 100 लीटर प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति के अनुसार 3 से 4 दिन में एक बार पानी बमुश्किल मिल रहा है।
इनका कहना
तैतरोल प्लांट पर पिछले कुछ दिनों में अपर्याप्त बिजली आपूर्ति से पानी की पंपिंग प्रभावित हुई है। उसके बाद भी अब आपूर्ति का शैड्यूल बहाल रखने का प्रयास कर रहे हैं। बिजली निर्बाध मिलती रहे तो जलापूर्ति व्यवस्थित हो जाएगी।
– ताराचंद कुलदीप, अधीक्षण अभियंता, जलदाय विभाग
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