scriptइस तरह न्यायालय को गुमराह कर रहे नगरपरिषद अधिकारी | dumping garbage of entire city in Hanuman Nagar Jalore | Patrika News

इस तरह न्यायालय को गुमराह कर रहे नगरपरिषद अधिकारी

locationजालोरPublished: Sep 22, 2019 10:47:16 am

www.patrika.com/rajasthan-news

dumping garbage of entire city in Hanuman Nagar Jalore

dumping garbage of entire city in Hanuman Nagar Jalore

जालोर. नगरपरिषद क्षेत्र के विभिन्न वार्डों का कचरा हनुमान नगर कॉलोनी में डालने और सड़कों पर घूम रहे बेसहारा गोवंश की समस्या को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता हीराचंद भण्डारी की ओर से कलक्टर व नगरपरिषद आयुक्त समेत अन्य के विरुद्ध जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव के समक्ष प्री-लिटीगेशन पेश करने के बाद आयुक्त की ओर से दिए गए जवाब में न्यायालय को गुमराह किया गया है। नगरपरिषद आयुक्त ने जवाब में लिखा है परिषद हनुमान नगर के पीछे जिस जगह पर कचरा डाल रही है वह परिषद की ही भूमि है और वहां कोई आबादी ही नहीं है। जबकि हकीकत पर गौर करें तो इसके आस पास एक गोशाला और कई रहवासी मकान स्थित हैं। जहां कई परिवार निवास कर रहे हैं। वहीं परिषद की ओर से जवाब में यह भी लिखा गया है कि परिषद की भूमि पर कचरा डालने के बाद समय-समय पर वहां से भी कचरे का निस्तारण किया जाता रहा है और भविष्य में भी किया जाता रहेगा, लेकिन परिषद के पास ना तो डंपिंग यार्ड है और ना ही कचरा निस्तारण की कोई योजना है। ऐसे में आबादी क्षेत्र में कचरा डालने के बावजूद परिषद की ओर से पेश किया गया यह जवाब समझ से परे है।
कई बार कचरे में लगी आग से हुई परेशानी
गौरतलब है कि हनुमान नगर कॉलोनी में जिस जगह पर परिषद की ओर से कचरा डाला जा रहा है, वहां कई बार अज्ञात लोगों ने आग भी लगाई है। जिससे उठने वाले धुएं के कारण पूरी कॉलोनीवासियों को परेशाना होना पड़ा है। वहीं इस कॉलोनी के लोग भी कई बार यहां कचरा नहीं डालने की मांग भी कर चुके हैं। इसके बावजूद परिषद इस समस्या का निस्तारण करने के बजाय यहां कचरा डालती जा रही है।
लोगों ने जताया था विरोध
जानकारी के अनुसार तत्कालीन आयुक्त शिकेश कांकरिया के कार्यकाल में इसी कॉलोनी में कचरे के ढेर में आग लगने के बाद हनुमान नगर कॉलोनी के वासियों ने आक्रोश जताया था। जिसके बाद कांकरिया खुद कॉलोनी में पहुंचे और वार्ड पार्षद हंसमुख नागर के समक्ष नगरपरिषद कार्मिकों को भविष्य में यहां कचरा नहीं डालने के लिए पाबंद किया था। इसके कुछ दिन बाद भी कार्मिकों ने यहां फिर से कचरा डालना शुरू कर दिया।
जारी बताया धपकड़ अभियान
नगरपरिषद की ओर से पेश किए गए जवाब में यह भी बताया गया है कि शहर की सड़कों पर घूम रहे पशुओं की धरपकड़ का अभियान जारी है और गत ३० अगस्त तक २०८ पशुओं को पकड़कर विभिन्न गोशाला व शहर से बाहर जंगल में छोड़ा गया है। वहीं ठेकेदारों को भी सूअरों को भी खुले में नहीं छोडऩे के लिए पाबंद किया गया है। जबकि परिषद ने महज एकाध बार पशुओं का धरपकड़ अभियान चलाकर शहर की महावीर गोशाला में पशुओं को छोड़ा था। वहीं आज भी शहर की मुख्य सड़कों पर दर्जनों पशु झुंड में घूमते नजर आ रहे हैं। परिषद का यह जवाब भी न्यायालय को गुमराह करने वाला ही है।
गार्डन का रखा था प्रस्ताव
शहर के हनुमान नगर कॉलोनी में जिस जगह कचरा डाला जा रहा है, वहां वार्ड पार्षद ने तारबंदी कर दानदाताओं के सहयोग से गार्डन विकसित करने का प्रस्ताव भी रखा था, लेकिन परिषद अधिकारियों ने इस बारे में भी कोई कदम नहीं उठाया। जिसके कारण इस जमीन के कुछ हिस्से पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर उसे ऊंचे दामों पर बेच दिया।
धोखे में रख रही परिषद…
परिषद ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को जो जवाब पेश किया है, वह गुमराह करने वाला है। हनुमान नगर में जहां कचरा डाला जा रहा है, उसके आस पास बकायदा आबादी बसी हुई है। वहीं शहर की सड़कों पर आज भी बेसहारा गोवंश झुंड में विचरण कर रहे हैं। जिन्हें पकड़ा ही नहीं जा रहा है। परिषद ने इस बारे में एकाध बार ही धरपकड़ अभियान चलाकर इतिश्री कर ली।
– हीराचंद भण्डारी, आरटीआई कार्यकर्ता
सरासर झूठ बोल रही परिषद
परिषद जहां कचरा डाल रही है, उसके आस पास डेढ़ दर्जन से ज्यादा मकान बने हुए हैं और वहां कई परिवार भी रह रहे हैं। इस संंबंध में हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराने के बाद तत्कालीन आयुक्त रोहित चौधरी ने भविष्य में कार्मिकों को यहां कचरा नहीं डालने के लिए पाबंद करने की बात कहते हुए प्रकरण ड्रॉप करवाया था। इसके कुछ समय बाद ही फिर से कार्मिक यहां कचरा डाल रहे हैं। अगर समय-समय पर कचरा निस्तारण किया जाता तो यहां बीस से पच्चीस फीट ऊंचा कचरे का पहाड़ नहीं बनता। इस जमीन पर भूमाफियाओं की भी नजर होने यहां कब्जे करने की कोशिश की जा रही है। इसी वजह से यहां कचरा डालना बंद नहीं किया जा रहा है।
– दिनेशकुमार सुंदेशा, कंपाउंडर, निवासी-हनुमाननगर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो