scriptबेमौसम बारिश से 60 हजार हैक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में खराबे का अनुमान | Estimates of loss 60 thousand hectare area due to unseasonal rains | Patrika News

बेमौसम बारिश से 60 हजार हैक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में खराबे का अनुमान

locationजालोरPublished: Oct 11, 2019 11:34:41 am

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millet crop destroyed due to rain

millet crop destroyed due to rain

सांचौर. क्षेत्र में बेमौसम बारिश से खेतों में पकी पकाई फसलों के खराबे को लेकर किसान एक तरफ मुआवजे की मांग कर रहे हंै, वहीं दूसरी ओर १५ दिन से ज्यादा का समय गुजर जाने के बावजूद प्रशासन अभी तक खराबे की रिपोर्ट तैयार नहीं कर पाया है। ऐसे में किसान चिंतित नजर आ रहे हैं। खराबे की रिपोर्ट को लेकर प्रशासन ने कोई टीम तक गठित नहीं की है जो क्षेत्र में बेमौसम बारिश से हुए नुकसान का वास्तविक आंकलन कर सके। जिसके कारण प्रशासनिक उदासीनता का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। क्षेत्र में हुई बेमौसम बरसात ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। खेतों में हजारों हैक्टेयर में खड़ी बाजरे की फसल तेज बारिश व हवा की वजह से खराब हो गई थी। क्षेत्र में इस बार बाजरे की करीब 58 हजार हैक्टेयर से ज्यादा के क्षेत्र में बुवाई की गई थी। जिसमें अधिकांश फसल खराब हो चुकी है।
उत्पादन घटेगा, चारे की भी रहेगी किल्लत
क्षेत्र में बाजरे की फसल में नुकसान को लेकर किसान अभी से ही चिंतित नजर आ रहे हैं। किसानों की मानें तो इस बार फसल खराबे की वजह से उत्पादन तो घटेगा ही, साथ ही पशुओं के लिए चारे की भी समस्या पैदा हो जाएगी। बेमौसम बारिश से बाजरे की फसल का रंग भूरा व पीला हो गया है। वहीं मूंग और मौठ का उत्पादन भी पूर्ण रूप से प्रभावित हुआ है।
बाजरे को सर्वाधिक नुकसान
क्षेत्र में इस बार किसानों ने बाजरे की बंपर बुवाई की थी। इसको लेकर किसानों को अच्छे उत्पादन की आस भी जगी थी, लेकिन बेमौसम बारिश के कारण बाजरे की करीब 80 फीसदी फसलों में नुकसान की आशंका जताई जा रही है। जिससे किसानों के उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
क्षेत्र में फसलों की बुवाई (हैक्टेयर में)
बाजरा – 58000
मौठ – 40
मूंग – 1500
ग्वार – 8000
मूंगफली- 2400
इनका कहना…
बेमौसम बारिश से क्षेत्र के किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है। इसको लेकर पटवारियों को गिरदावरी रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए जा चुके हैं। पूर्ण रिपोर्ट आने के बाद ही खराबे का सही आंकलन किया जा सकता है। इसके लिए 15 अक्टूबर तक की तिथि निर्धारित कर रखी है। वहीं 2018 के बकाया भुगतान को लेकर कार्य चल रहा है। जिसमें किसानों के खाता संख्या को लेकर कुछ समस्या आ रही है। अधिकांश मामलों का निस्तारण हो चुका है।
– देशलराम, तहसीलदार सांचौर
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