scriptपत्रावली है ही नहीं तो आखिर कैसे नगरपरिषद ने जारी कर दी एनओसी | Fake NOC issued by Jalore Nagar Parishad | Patrika News

पत्रावली है ही नहीं तो आखिर कैसे नगरपरिषद ने जारी कर दी एनओसी

locationजालोरPublished: Sep 06, 2019 10:59:55 am

www.patrika.com/rajasthan-news

डिस्पेच नंबर 4516 पर आधे कॉलम में देवेंद्रसिंह पुत्र नरपतसिंह निवासी कानीवाड़ा व उसके आगे विरदाराम मेघवाल के पट्टा विलेख संख्या 48/83-83 का उल्लेख किया गया

डिस्पेच नंबर 4516 पर आधे कॉलम में देवेंद्रसिंह पुत्र नरपतसिंह निवासी कानीवाड़ा व उसके आगे विरदाराम मेघवाल के पट्टा विलेख संख्या 48/83-83 का उल्लेख किया गया

जालोर. आरटीआई के तहत मिली सूचना में नगरपरिषद की ओर से जारी एक ही नंबर की दो और एनओसी में फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। उप पंजीयक की ओर से आरटीआई के तहत दी गई इन दो एनओसी की सत्यापति प्रतियों पर एक ही डिस्पेच नंबर 4516 अंकित है। वहीं ये दोनों एनओसी 18 सितम्बर 2018 को जारी की गई हैं, लेकिन खास बात यह है कि नगरपरिषद के डिस्पेच रजिस्टर में इस नंबर की एक ही एनओसी की एंट्री हो रखी है। वहीं इस एक एंट्री में दोनों एनओसी की आधी-आधी जानकारी लिखी हुई है। दरअसल, नगरपरिषद की ओर से 18 सितम्बर 2018 को देवेंद्रसिंह पुत्र नरपतसिंह निवासी कानीवाड़ा के नाम से शहर के मानपुरा कॉलोनी में इकरारनामा भूखण्ड के बेचान की एनओसी क्रमांक ४५१६ जारी की गई थी। वहीं इसी दिन इसी नंबर से विरदाराम पुत्र मंगाराम मेघवाल निवासी पादू के नाम से गोडीजी स्थित उसके पट्टाशुदा मकान के बेचान की एनओसी जारी की गई। जबकि नगरपरिषद के डिस्पेच रजिस्टर में 4516 क्रमांक पर आधे कॉलम में देवेंद्रसिंह पुत्र नरपतसिंह निवासी कानीवाड़ा व उसके आगे विरदाराम मेघवाल के पट्टा विलेख संख्या 48/83-83 का उल्लेख किया गया है। ऐसे में रजिस्टर में की गई इस एंट्री से ही साफ तौर पर फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है।
इसलिए उजागर हो रहा फर्जीवाड़ा
नगरपरिषद के डिस्पेच रजिस्टर 4516 क्रमांक पर देवेंद्रसिंह के नाम से जारी एनओसी की एंट्री की गई है। सिंह को यह एनओसी इकरारनामा भूखण्ड बेचान के लिए जारी की गई थी। जबकि इसी कॉलम में पट्टा विलेख संख्या का उल्लेख किया गया है जो गोडीजी निवासी विरदाराम के पट्टाशुदा मकान का है। इस तरह एक बार फिर नगरपरिषद में एनओसी में फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है।
पहले भी जारी हुई थी…
नगरपरिषद की ओर से इससे पहले भी 5533 क्रमांक की दो एनओसी जारी करने का मामला सामने आया था। वहीं इस फर्जीवाड़े के लिए डिस्पेच रजिस्टर में भी कांट छांट कर एनओसी की एंट्री बाद में की गई थी। तत्कालीन आयुक्त शिकेश कांकरिया का इस बारे में कहना था कि नगरपरिषद में सभी काम नियमानुसार हो रहे हैं और जल्दबाजी में लिपिकीय त्रुटि की वजह से ऐसा हुआ होगा, जिसे सुधार लिया जाएगा। जबकि मौजूदा आयुक्त महिपालसिंह का कहना था कि संबंधित एनओसी अनुभाग प्रभारी ने अपने चार्ज में इस नंबर की एनओसी से संबंधित पत्रावली उपलब्ध नहीं होना अंकित किया है।
यहां पत्रावली ही नहीं…
मैंने आरटीआई के तहत नगरपरिषद से जारी एनओसी व उनसे संबंधित जमा राशि की रसीदों की सूचना मांगी थी। मौजूदा आयुक्त ने 4516 क्रमांक की एनओसी के बारे में गत 31 जुलाई 2019 को लिखित में जवाब दिया कि इस क्रमांक की एनओसी व पत्रावली एनओसी अनुभाग प्रभारी ने चार्ज में नहीं होना बताया है। ऐसे में एनओसी व पत्रावली की प्रमाणित प्रति नहीं दी जा सकती। इसके बाद मैंने उप पंजीयक कार्यालय से यह सूचना प्राप्त की है। नगरपरिषद में पता करने पर इन दोनों एनओसी की राशि भी जमा होना नहीं बताया जा रहा है।
– मंजू सोलंकी, उपसभापति, नगरपरिषद जालोर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो