मृतक किसान के सात बच्चे हैं। उसने अपने भाईके साथ 2006 में बैंक ऑफइंडिया से ऋण लिया था। जिसे वह नहीं चुका पाया। यही नहीं सिंचाई के अभाव में फसल अच्छी नहीं हुई। उसने कुछ दिन पूर्वअपने खेत में प्रभावी कृषि के लिए ट्यूबवैल भी करवाए, लेकिन उनमें भी पानी नहीं निकला। इन सब हालातों से दु:खी होकर उसने मौत को गले लगा लिया। परिजनों का कहना है कि सरकार उनका लोन माफ करवा कर सहायता ताकि वे बच्चों का पेट पाल सकें।
गहलोत और पायलट ने दी सांत्वना
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित समाचार की कटिंग शेयर करते हुए लिखा है कि जालोर में किसान की आत्महत्या से व्यथित हैं और उनकी संवेदना परिवार के साथ हैं। उन्होंने सरकार से प्रदेश के किसानों के हालातों को समझते हुए शीघ्र प्रभावी कदम उठाने की मांग की है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने भी अपने फेसबुक पेज पर इस मामले को प्रमुखता से उठाते हुए सरकार से किसानों के हित में प्रभावी कदम उठाने की मांग की है।
प्रारंभिक जांच में आर्थिक तंगी से आत्महत्या करना सामने आया है। उसने 2006 में संयुक्त ऋण लिया था। फिलहाल मामले में मर्ग दर्ज कर जांच चल रही है।
-विकास शर्मा, पुलिस अधीक्षक, जालोर